पाकिस्तान को भारत का करारा जवाब... दिल्ली में पाक दूतावास को अखबार सप्लाई बंद
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान द्वारा इस्लामाबाद में भारतीय राजनयिकों की बुनियादी सुविधाएं बाधित करने पर भारत ने भी दिल्ली स्थित पाक हाई कमीशन को अखबार सप्लाई बंद कर दी. यह कदम दोनों देशों के बीच बढ़ते राजनयिक तनाव का नया संकेत है.

India Pakistan relations: ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने भारतीय राजनयिकों की बुनियादी सुविधाओं पर पाबंदियां लगाई, तो अब भारत ने भी जवाबी कार्रवाई की है. सूत्रों के मुताबिक, भारत ने दिल्ली स्थित पाकिस्तान हाई कमीशन को अखबारों की सप्लाई रोक दी है. पाकिस्तान में ऑपरेशन सिंदूर के बाद स्थानीय प्रशासन ने भारतीय हाई कमीशन को अखबार भेजना बंद कर दिया था. इसके जवाब में भारत ने भी दिल्ली में पाक हाई कमीशन को अखबारों की सप्लाई रोक दी.
पाकिस्तान में भारतीय राजनयिकों के लिए मुश्किलें
सूत्रों के अनुसार, इस्लामाबाद में भारतीय राजनयिकों और उनके परिवारों को कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है:-
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पाइप गैस की आपूर्ति रोक दी गई, जिससे उन्हें महंगे सिलेंडर स्थानीय बाजार से खरीदने पड़े.
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पैकेज्ड पीने के पानी की सप्लाई में बाधा, जिससे रोजमर्रा की जरूरतें प्रभावित.
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भारतीय अधिकारियों के आवास पर अखबारों की डिलीवरी बंद.
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इन कदमों को जानबूझकर उत्पीड़न के रूप में देखा जा रहा है, जो अंतरराष्ट्रीय राजनयिक मानकों का उल्लंघन हो सकते हैं.
वियना कन्वेंशन का उल्लंघन?
राजनयिक मामलों के विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान का ये रवैया ‘वियना कन्वेंशन ऑन डिप्लोमैटिक रिलेशंस’ का गंभीर उल्लंघन है. इस संधि के तहत मेजबान देश पर ये जिम्मेदारी होती है कि वो विदेशी दूतावासों के सुचारू संचालन, बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता और राजनयिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करें.
भारत का जवाबी कदम
सूत्रों के मुताबिक, भारत ने समान प्रतिक्रिया देते हुए पाक हाई कमीशन को अखबार भेजना बंद कर दिया है. हालांकि, इस पर विदेश मंत्रालय (MEA) और पाकिस्तान के विदेश कार्यालय की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है. बता दें कि इस्लामाबाद में समाचार पत्र विक्रेताओं को भारतीय हाई कमीशन में अखबार पहुंचाने से रोक दिया गया है. भारतीय अधिकारियों का कहना है कि ये कदम पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) की एक सुनियोजित रणनीति है, जिसका उद्देश्य भारतीय राजनयिकों को प्रिंट मीडिया से नियमित जुड़ाव से वंचित करना, स्थानीय घटनाक्रमों की जानकारी सीमित करना और इस्लामाबाद में उनके रहने व कामकाज की परिस्थितियों को कठिन बनाना है.
ये ताजा विवाद दोनों देशों के बीच पहले से ही तनावपूर्ण रिश्तों में एक और कड़ी जोड़ रहा है. भारत ने पहले भी स्पष्ट किया है कि इस्लामाबाद की किसी भी उकसाने वाली कार्रवाई का जवाब उचित तरीके से दिया जाएगा


