किसानों के हितों से समझौता नहीं करेगा भारत, US के टैरिफ के जवाब में PM मोदी का ट्रंप को सख्त संदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका द्वारा भारतीय कृषि उत्पादों पर लगाए गए भारी टैरिफ का कड़ा जवाब दिया, कहा कि किसानों, डेयरी और मछुआरों के हितों से कोई समझौता नहीं होगा. अमेरिका भारत से GM फसलों, डेयरी और पोल्ट्री के लिए बाजार खोलने की मांग कर रहा है, जिसे भारत खाद्य सुरक्षा और धार्मिक भावनाओं के खिलाफ मानता है. इस मुद्दे ने भारत-अमेरिका व्यापार समझौते को जटिल बना दिया है.

Narendra Modi Farmers Speech : अमेरिकी राष्ट्रपति ने अचानक घोषणा की कि अमेरिका भारत से आयातित चिकित्सा उपकरणों, ऑटो पुर्जों और इस्पात सहित कई वस्तुओं पर 50% तक का उच्च टैरिफ लगाएगा. इस बढ़ाए गए शुल्क के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि वे चाहे व्यक्तिगत कीमत ही चुकाएं, लेकिन “भारत किसानों, डेयरी और मछुआरों के हितों पर कभी समझौता नहीं करेगा.”
कृषि बनी US -भारत व्यापार वार्ता का रोड़ा
किसानों का भरोसा बनाए रखना मोदी का आदेश
कृषि क्षेत्र पर मोदी का ऐसा रुख सिर्फ व्यापारी रुख नहीं, बल्कि राजनीति का भी हिस्सा है. MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) जैसी नीतियाँ भारत की विशाल खाद्य सुरक्षा प्रणाली में महत्वपूर्ण आधार हैं, जो किसी भी व्यापार समझौते में कोई समझौता नहीं होने देतीं. किसानों का भरोसा बनाए रखना मोदी सरकार के लिए राजनीतिक दिशा-निर्देश बना रहा है.
यूरोप, UAE और आस्ट्रेलिया के साथ व्यापार समझौते
टैरिफ की धमकी और व्यापारिक दबाव के बीच भारत ने अपनी रणनीतियों में परिवर्तन किया है. अब यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, UAE और सऊदी अरब के साथ साझा व्यापार समझौते तेज किए जा रहे हैं. साथ ही, आर्थिक स्वायत्तता बढ़ाने के लिए रूपया-दिरहम और UPI जैसी वित्तीय व्यवस्थाओं को आगे बढ़ाया जा रहा है.
मोदी का संदेश स्पष्ट “किसानों को नहीं बेचेंगे”
प्रधानमंत्रियों के शब्द केवल घोषणाएं नहीं, बल्कि भारत की नीति का संकल्प हैं कि देश अपने किसानों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रक्षा करेगा, चाहे आर्थिक लाभों या व्यापारिक समझौतों की कुर्बानी क्यों न देनी पड़े. यह रणनीति मोदी सरकार की आत्मनिर्भरता और राष्ट्रीय हित की रक्षा के एजेंडा को दर्शाती है.


