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क्या है 'प्रोजेक्ट उद्भव'? इससे कितनी बढ़ेगी भारतीय सेना की ताकत, जानें सबकुछ

Project Udbhav: उद्भव प्रोजेक्ट एक ऐसा प्रोजेक्ट है जिसकी मदद से भारत की समृद्ध विरासत के बारे में पता लगाया जा सकता है. इस प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य रक्षा क्षेत्र में देश के दृष्टिकोण को बढ़ाना है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पिछले साल इसे लॉन्च किया था.

JBT Desk
Edited By: JBT Desk

Project Udbhav: सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने उद्भव प्रोजेक्ट के बारे में कहा कि, यह प्रोजेक्ट भारतीय सेना महाभारत के महाकाव्य युद्धों मशहूर सैन्य शक्तियों के वीरतापूर्ण कारनामों और शासन कला में भारत की समृद्ध विरासत को गहराई से पड़ताल करने में मदद करेगी. सेना प्रमुख ने बताया कि, उद्भव प्रोजेक्ट  का मकसद प्राचीन ज्ञान को आधुनिक सैन्य शिक्षा शास्त्र का हिस्सा बनाना है. राज्य मंत्री अजय भट्ट ने उद्भव प्रोजेक्ट की सराहना करते हुए कहा कि यह सेना को 'भविष्य के लिए तैयार करेगी.

रक्षा मंत्रालय ने पिछले साल कहा था कि प्रोजेक्ट उद्भव को एक रणनीतिक शब्दावली और वैचारिक ढांचे को बुनने के लिए डिज़ाइन किया गया है जो भारत की दार्शनिक और सांस्कृतिक विरासत में गहराई से अंतर्निहित है.

क्या है 'प्रोजेक्ट उद्भव'

यह परियोजना भारतीय सेना और दिल्ली स्थित थिंक-टैंक यूनाइटेड सर्विस इंस्टीटूशन ऑफ इंडिया (यूएसआई) का सहयोग है. सेना और यूएसआई की प्रशंसा करते हुए, राज्य मंत्री अजय भट्ट ने कहा, "यूएसआई द्वारा परिकल्पित इस परियोजना का उद्देश्य प्राचीन ग्रंथों और मौखिक परंपराओं को खोज कर हमारी रणनीतिक संस्कृति में अमूल्य अंतर्दृष्टि प्राप्त करना है. भू-राजनीतिक परिदृश्य लगातार विकसित हो रहा है और यह हमारे सशस्त्र बलों के लिए आवश्यक है. 

इतिहास को गहराई से समझने में मदद करेगा प्रोजेक्ट उद्भव

राज्य मंत्री अजय भट्ट ने  इस योजना के बारे में बात करते हुए कहा कि भारत के प्राचीन ग्रंथों और परंपराओं में गहराई से जाने में प्रोजेक्ट उद्भव मदद करेगा. यह न केवल रणनीतिक संस्कृति की हमारी समझ को समृद्ध करेगा बल्कि एक युद्ध में अपरंपरागत युद्ध रणनीतियों, राजनयिक परंपराओं और नैतिक विचारों पर एक मूल्यवान समझदार सोच भी प्रदान करेगा. इस प्रोजेक्ट की मदद से भारत के इतिहास में गहराई समझने में मदद मिलेगी. 

प्रोजेक्ट उद्भव का क्या है मकसद

परियोजना 'उद्भव' का उद्देश्य बल को "भविष्य के लिए तैयार" बनाने पर ध्यान देने के साथ भारत के प्राचीन रणनीतिक कौशल के समकालीन सैन्य क्षेत्र में एकीकृत करके सेना में स्वदेशी प्रवचन को बढ़ावा देना है. सेना ने इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए फिलहाल एक किताब तैयार की है जिसका नाम परंपरागत रखा गया है. इस किताब के जरिए सेना को  ट्रेनिंग दिया जाएगा जिसकी मदद से वे वेदों, पुराणों, उपनिषदों और अर्थशास्त्र जैसे प्राचीन ग्रंथों की गहराई से पड़ताल कर सकेंगे. 

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22 May 2024, 10:33 AM IST

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