'भारतीय सेना को किसी की जरूरत नहीं, वो खुद ही काफी है', चीन-पाक गठजोड़ पर जयशंकर का सख्त बयान
राज्यसभा में बुधवार को ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारतीय सेना की ताकत को लेकर बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि हमारी सेना पूरी तरह सक्षम है और उसे किसी के सहयोग की जरूरत नहीं.

S Jaishankar: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को राज्यसभा में विपक्ष पर तीखा हमला बोलते हुए भारतीय सेना की मजबूती और आत्मनिर्भरता को लेकर बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि भारतीय सेना पूरी तरह से सक्षम है और उसे किसी के समर्थन की जरूरत नहीं. ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान उन्होंने चीन-पाकिस्तान के बीच बढ़ती नजदीकियों का मुद्दा भी उठाया और विपक्ष की नीतियों को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरनाक करार दिया.
जयशंकर ने कांग्रेस सहित विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि चीन और पाकिस्तान के सामरिक गठजोड़ की जड़ें पुरानी हैं और यह रातोंरात नहीं हुआ. उन्होंने कटाक्ष भरे अंदाज़ में विपक्ष के नेताओं के चीन ज्ञान और विदेश नीति को लेकर व्यवहार पर भी सवाल उठाए.
#WATCH | Delhi | On the issue of China raised by the Opposition in the Parliament, EAM Dr S Jaishankar says, "...There are 'China Gurus'. One of them is the member sitting in front of me (Jairam Ramesh), whose affection for China is so great, 'unhone ek sandhi bana li thi India… pic.twitter.com/qKneWDKyKR
— ANI (@ANI) July 30, 2025
ऑपरेशन सिंदूर पर बोले जयशंकर
राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा करते हुए जयशंकर ने कहा, "इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने पाकिस्तान के नूर खान एयरबेस और आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर यह सिद्ध कर दिया कि उन्हें किसी की मदद की आवश्यकता नहीं है. जो यह कहते हैं कि हमें किसी का साथ चाहिए, वे हमारी सेना का अपमान कर रहे हैं." उन्होंने इस ऑपरेशन को भारतीय सैन्य शक्ति का प्रतीक बताते हुए इसे देश की आत्मनिर्भर रक्षा नीति का उदाहरण बताया.
चीन-पाक गठजोड़ पर सीधा हमला
विदेश मंत्री ने चीन और पाकिस्तान के बीच बढ़ते सहयोग पर कहा, "ये कोई नई बात नहीं है. ये गठजोड़ रातोंरात नहीं हुआ. अगर किसी को इसकी जानकारी नहीं थी, तो इसका मतलब है कि वो इतिहास की कक्षा में सो रहे थे."
उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि कुछ लोग 'चाइंडिया' की संधि बनाना चाहते थे और ओलंपिक्स जाकर चीन ज्ञान प्राप्त कर आए. उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, "कुछ लोग चीनी एंबेसडर को घर बुलाकर ट्यूशन लेते हैं. और फिर उन्हें 'चीन गुरु' कहते हैं."
कांग्रेस की विदेश नीति पर सवाल
जयशंकर ने कांग्रेस की विदेश और सुरक्षा नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि कैसे UPA सरकार के कार्यकाल में चीन को संवेदनशील क्षेत्रों में आमंत्रित किया गया. उन्होंने कहा, "2006 में चीनी राष्ट्रपति हू जिंताओ के भारत दौरे के दौरान टेलिकॉम जैसे क्षेत्र में चीनी कंपनियों को 3G और 4G के लिए आमंत्रण देना एक बड़ी चूक थी. ये देश की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा था." उन्होंने इसे भारत की रणनीतिक चूक बताते हुए विपक्षी दलों की सोच और दूरदृष्टि पर सवाल खड़े किए.
POK और रणनीतिक भूल की चर्चा
जयशंकर ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) का जिक्र करते हुए कहा, "चीन-पाकिस्तान साथ आए, ये तब हुआ जब हमने पीओके को छोड़ दिया. और आज वही गठजोड़ हमारे सामने खड़ा है." उन्होंने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि जिस देश के साथ भारत युद्ध कर चुका है, उसे रणनीतिक साझेदार कहना ही सबसे बड़ी भूल है.


