"जयललिता की सोने की संपत्ति अब तमिलनाडु सरकार के पास, कोर्ट का बड़ा फैसला!"
जयललिता के कानूनी उत्तराधिकारी ने जब्त की गई संपत्तियां वापस करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया. 27 किलो सोना, दो मुकुट, तलवार और करोड़ों की ज्वेलरी अब तमिलनाडु सरकार को ट्रांसफर कर दी गई हैं. जयललिता को आय से अधिक संपत्ति मामले में दोषी ठहराया गया था, लेकिन कोर्ट के फैसले के बाद संपत्तियों की वापसी की कानूनी लड़ाई अब खत्म हो गई है. जानिए पूरा मामला और क्या होगा आगे.

Tamil Nadu: पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की जब्त संपत्तियां आखिरकार तमिलनाडु सरकार को सौंप दी गई हैं. इसमें 27 किलो सोना, दो सोने का मुकुट और एक सोने की तलवार समेत लाखों की ज्वेलरी शामिल है. इसके अलावा, 1520 एकड़ जमीन और सोने की बनी 481 वस्तुएं भी ट्रांसफर की गई हैं. ये संपत्तियां कर्नाटक के खजाने में 21 साल से पड़ी हुई थीं, लेकिन अब इनकी पहचान और स्वामित्व से जुड़े विवाद खत्म हो चुके हैं.
दोषी ठहराई गईं जयललिता, फिर बरी होने के बाद कानूनी लड़ाई
जयललिता के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में कर्नाटक की एक अदालत ने 2014 में उन्हें दोषी ठहराया था. जयललिता को चार साल की सजा और 100 करोड़ रुपये का जुर्माना भी हुआ था. हालांकि, कर्नाटक हाई कोर्ट ने 2015 में उन्हें बरी कर दिया और वे फिर से मुख्यमंत्री बन गईं. इसके बाद 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले को पलट दिया और निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा.
कानूनी उत्तराधिकारी ने की संपत्तियों की वापसी की मांग
जयललिता के निधन के बाद, उनके कानूनी उत्तराधिकारी ने जब्त संपत्तियों को वापस करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. हालांकि, कोर्ट ने 14 फरवरी 2025 को यह याचिका खारिज कर दी. कोर्ट का कहना था कि जयललिता के खिलाफ कार्रवाई खत्म होने का मतलब यह नहीं है कि वह अपराध से बरी हो गई हैं. इस याचिका के खारिज होने के बाद, सीबीआई की विशेष अदालत ने 29 जनवरी को जयललिता की सारी संपत्तियां तमिलनाडु सरकार को हस्तांतरित करने का आदेश दिया था.
क्या होगा आगे?
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद, जयललिता की भतीजी और भतीजे की याचिका भी खारिज हो चुकी है, जिसमें उन्होंने अपनी कानूनी उत्तराधिकारी के रूप में संपत्तियों पर दावा किया था. अब इन संपत्तियों की जिम्मेदारी तमिलनाडु सरकार के पास है.
यह मामला तमिलनाडु की राजनीति और जयललिता के परिवार के लिए बड़ा विवाद बन चुका है, जिसमें कानूनी उलझनों के चलते कई सालों तक मामले की सुनवाई चलती रही. अब देखना यह है कि सरकार इन संपत्तियों का क्या उपयोग करती है और इस विवाद से जुड़ी अगली कानूनी लड़ाई किस मोड़ पर जाती है.


