जेडीयू नेता अनंत सिंह गिरफ्तार, जनसुराज कार्यकर्ता दुलारचंद हत्याकांड मामले में बिहार पुलिस का एक्शन
पटना पुलिस ने मोकामा से जदयू उम्मीदवार अनंत सिंह को जन सुराज कार्यकर्ता दुलारचंद यादव की हत्या के मामले में गिरफ्तार किया. पोस्टमार्टम में मौत की वजह चोटें पाई गईं. जांच में झड़प की पुष्टि हुई. तीन एफआईआर दर्ज हुईं. अनंत सिंह ने इसे राजनीतिक साजिश बताया, जबकि चुनाव आयोग ने रिपोर्ट मांगी.

पटनाः पटना पुलिस ने शनिवार को मोकामा से जदयू के उम्मीदवार अनंत सिंह को जन सुराज पार्टी के कार्यकर्ता दुलारचंद यादव की हत्या के मामले में गिरफ्तार कर लिया. इस कार्रवाई का नेतृत्व खुद पटना के एसएसपी ने किया. पुलिस की टीम बाढ़ स्थित कारगिल मार्केट में बने अनंत सिंह के आवास पर पहुंची और उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ के लिए पटना लाया गया.
किस वजह से हुई मौत?
जानकारी के अनुसार, जन सुराज पार्टी से जुड़े दुलारचंद यादव की मौत चुनाव प्रचार के दौरान हुई थी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह स्पष्ट हुआ कि दुलारचंद की मौत गोली लगने से नहीं, बल्कि फेफड़े फटने और पसलियों में गंभीर फ्रैक्चर के कारण हुई. इस घटना ने बिहार विधानसभा चुनाव के बीच राजनीतिक माहौल को गर्मा दिया है.
एसएसपी ने दी जानकारी
गिरफ्तारी के बाद पटना के एसएसपी और जिलाधिकारी ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि अनंत सिंह को प्रारंभिक जांच के आधार पर गिरफ्तार किया गया है. उनके साथ दो सहयोगियों मणिकांत ठाकुर और एक अन्य व्यक्ति को भी हिरासत में लिया गया है.
एसएसपी ने बताया कि शुरुआती जांच में दो प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवारों के समर्थकों के बीच झड़प की पुष्टि हुई है. इसी झड़प के दौरान दुलारचंद यादव की मौत हुई. पुलिस को यह भी जानकारी मिली कि घटना के समय अनंत सिंह अपने समर्थकों के साथ मौके पर मौजूद थे.
जन सुराज प्रत्याशी की प्रतिक्रिया
जन सुराज पार्टी के मोकामा से उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी ने इस कार्रवाई का स्वागत करते हुए कहा कि यह कदम सही दिशा में है, लेकिन अगर पुलिस ने पहले ही कार्रवाई की होती तो बेहतर होता. जब एफआईआर दर्ज हुई थी, तब ही गिरफ्तारी होनी चाहिए थी. देर से ही सही, न्याय की प्रक्रिया शुरू हुई है. अब देखना यह होगा कि जांच कितनी निष्पक्ष होती है.
तीन एफआईआर, कई नाम शामिल
पुलिस ने इस घटना से जुड़ी तीन अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज की हैं. पहली एफआईआर दुलारचंद के पोते ने दर्ज कराई, जिसमें अनंत सिंह और चार अन्य लोगों के नाम शामिल हैं. दूसरी रिपोर्ट प्रतिद्वंद्वी गुट की ओर से दर्ज की गई. तीसरी एफआईआर पुलिस ने अपनी जांच के आधार पर की. इन सबके बीच दो अन्य लोगों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है.
अनंत सिंह का पलटवार
गिरफ्तारी से पहले अनंत सिंह ने इन आरोपों को साजिश बताया. उन्होंने कहा कि यह पूरा मामला राजद प्रत्याशी वीणा देवी के पति और पूर्व सांसद सूरजभान सिंह द्वारा रचा गया षड्यंत्र है.
अनंत सिंह के अनुसार, हम लोग शांतिपूर्वक प्रचार कर रहे थे, तभी विरोधी गुट ने नारेबाजी शुरू कर दी. मैंने अपने समर्थकों से संयम बरतने को कहा, लेकिन अचानक हमारी गाड़ियों पर हमला हुआ. यह पूरा खेल सूरजभान सिंह का है.
चुनाव आयोग की सख्ती
चुनाव प्रचार के बीच हुई इस घटना पर चुनाव आयोग ने जिला निर्वाचन अधिकारी से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. शुक्रवार को पटना के जिलाधिकारी और एसएसपी ने मोकामा व बाढ़ क्षेत्रों का दौरा किया. उन्होंने उम्मीदवारों से मुलाकात कर आदर्श आचार संहिता का पालन सुनिश्चित करने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए.


