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कार, म्यूज़िक और... कर्नाटक गैंगरेप के आरोपियों को मिली जमानत, जश्न में निकाला विजय जुलूस

कर्नाटक के हावेरी गैंगरेप केस में 7 आरोपियों को जमानत मिलने के बाद भव्य जुलूस में स्वागत किया गया, जिससे देशभर में आक्रोश फैल गया.

कर्नाटक के हावेरी जिले से एक शर्मनाक और चिंताजनक घटना सामने आई है. जनवरी 2024 में हुए गैंग रेप के मामले में 7 आरोपी युवकों को जब जमानत पर रिहा किया गया, तो उनका एक भव्य जुलूस और 'विजयी नारेबाजी' के साथ स्वागत किया गया. सोशल मीडिया पर वायरल हुए इन दृश्यों ने पूरे देश में आक्रोश की लहर पैदा कर दी है, खासतौर पर महिला अधिकार कार्यकर्ताओं और कानून विशेषज्ञों के बीच.

जिन आरोपियों को 17 महीने से ज्यादा समय तक न्यायिक हिरासत में रखा गया था, उन्हें मंगलवार को हावेरी सत्र न्यायालय से जमानत मिल गई. इसके बाद, उनकी रिहाई पर जिस तरह से सार्वजनिक रूप से उत्सव मनाया गया, वो ना केवल न्यायिक प्रक्रिया पर सवाल खड़े करता है, बल्कि पीड़िता की सुरक्षा और सामाजिक मानसिकता को लेकर भी गंभीर चिंता है.

रिहाई के बाद निकाला गया भव्य जुलूस

जेल से छूटते ही इन 7 आरोपियों- अफ़ताब चंदनाकट्टी, मदर साब मंडक्की, सामीउल्ला लालनावर, मोहम्मद सादिक अगसीमनी, शोएब मुल्ला, तौसीफ चोटि और रियाज़ सवीकेरी को एक मोटरकेड के जरिए अक्की आलूर कस्बे ले जाया गया. वायरल वीडियो में दिख रहा है कि आरोपी गाड़ियों में सवार होकर विक्ट्री साइन दिखाते हुए नारेबाजी कर रहे हैं. मोटरसाइकिलों और कारों की लंबी कतार, साथ में समर्थकों का हुजूम, ये नजारा कई लोगों को अंदर तक झकझोर गया.

पुलिस ने दर्ज की FIR, होगी कड़ी कार्रवाई

हावेरी के पुलिस अधीक्षक अंशु कुमार श्रीवास्तव ने पुष्टि की कि आरोपियों के खिलाफ गैरकानूनी जमावड़ा और लापरवाही से वाहन चलाने के आरोप में एफआईआर दर्ज कर ली गई है. उन्होंने ये भी कहा कि हम इन आरोपियों के खिलाफ 'राउडी शीट' खोलने जा रहे हैं और कोर्ट में जमानत रद्द करने की अपील करेंगे.

ये मामला शुरू में एक ‘मॉरल पुलिसिंग’ की घटना के रूप में सामने आया था, जहां एक अंतरधार्मिक जोड़े को एक निजी लॉज में रोका गया था. लेकिन बाद में पीड़िता ने पुलिस को बताया कि उसे जंगल में खींच ले जाकर 7 लोगों ने उसके साथ दुष्कर्म किया. ये बयान मजिस्ट्रेट के समक्ष धारा 164 के तहत दर्ज हुआ और आरोपियों की शिनाख्त हंगल तहसीलदार की मौजूदगी में कराई गई.

कोर्ट में बयान से मुकरी पीड़िता

2024 में मीडिया से बातचीत में पीड़िता ने आरोपियों की पहचान की थी. लेकिन इस साल कोर्ट में सुनवाई के दौरान उसने अपने पहले के बयान से मुकरने या कमजोर समर्थन दिया, जिससे अभियोजन पक्ष को झटका लगा और फिर कोर्ट ने आरोपियों को जमानत दे दी. पूर्व एडिशनल एसपी सी गोपाल की अगुवाई में की गई जांच में फॉरेंसिक विशेषज्ञों, डॉक्टरों और लॉज स्टाफ समेत करीब 80 गवाहों के बयान शामिल किए गए. डीएनए सैंपल, बालों के नमूने, खून के धब्बे, कपड़े, सीसीटीवी फुटेज जैसी तमाम साक्ष्य चार्जशीट में शामिल किए गए थे. 

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23 May 2025, 01:59 PM IST

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