इंडिया जस्टिस रिपोर्ट 2025: कर्नाटक सबसे आगे, पश्चिम बंगाल सबसे पीछे
पुलिस व्यवस्था और न्याय प्रणाली के प्रदर्शन में दक्षिण भारत के राज्यों ने शानदार प्रदर्शन किया है. टॉप रैंकिंग में दक्षिण के पांच राज्यों ने अपनी मजबूत मौजूदगी दर्ज कराई है.

इंडिया जस्टिस रिपोर्ट 2025 का चौथा संस्करण जारी हो चुका है. इस रिपोर्ट के जरिए भारत के विभिन्न राज्यों की औपचारिक न्याय प्रणाली जिसमें पुलिस व्यवस्था, न्यायपालिका और जेल प्रबंधन शामिल हैं. इनकी कार्यक्षमता को परखा गया है. रिपोर्ट में सरकारी आंकड़ों के आधार पर एक क्वांटिटेटिव इंडेक्स के ज़रिए राज्यों को 10 अंकों की स्केल पर रैंक दी गई है.
दक्षिण भारत के राज्यों का दबदबा
इस साल की रिपोर्ट में दक्षिण भारत के राज्यों का दबदबा देखने को मिला है. पुलिसिंग और न्याय व्यवस्था के मामले में कर्नाटक ने सभी को पीछे छोड़ते हुए 6.78 अंकों के साथ पहला स्थान हासिल किया है. वहीं, आंध्र प्रदेश (6.32), तेलंगाना (6.15), केरल (6.09) और तमिलनाडु (5.62) भी टॉप पांच में शामिल रहे. रिपोर्ट यह संकेत देती है कि इन राज्यों ने अपराध से निपटने, न्याय देने और जेलों के संचालन में बेहतरीन काम किया है.
न्यायपालिका के क्षेत्र में केरल सबसे ऊपर
अगर न्यायपालिका की बात की जाए, तो इस क्षेत्र में केरल सबसे ऊपर रहा है. वहीं, पुलिसिंग, न्याय और जेल प्रबंधन. इन तीनों क्षेत्रों को मिलाकर कर्नाटक सबसे प्रभावी राज्य साबित हुआ है. वहीं दूसरी ओर, कुछ राज्य इस रेस में काफी पीछे रह गए हैं. उत्तर प्रदेश (3.92) और पश्चिम बंगाल (3.63) सबसे निचले पायदान पर रहे हैं. खासकर पश्चिम बंगाल पुलिसिंग, न्यायपालिका और जेल प्रबंधन के सभी मानकों पर पिछड़ा साबित हुआ है, जिससे राज्य की न्यायिक व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं.
यह रिपोर्ट स्पष्ट करती है कि देश में न्याय तक पहुंच और न्याय प्रक्रिया की गुणवत्ता में भारी अंतर है. जहां कुछ राज्य न्याय व्यवस्था को मजबूत कर रहे हैं, वहीं कई राज्य अब भी सुधार की राह देख रहे हैं.