केएएस जनरल उपेंद्र ने की सुदर्शन चक्र कोर की परिचालन तैयारियों की समीक्षा, दिग्गजों को किया सम्मानित
हाल ही में भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने सुधर्शन चक्र कोर के दौरे के दौरान युद्धक्षमता, नवाचार व व्यावसायिक उत्कृष्टता को लेकर तैयारियों की गहन समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने लचीले प्रशिक्षण और युद्धक्षेत्र नवाचारों की सराहना की.

भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने हाल ही में सुधर्शन चक्र कोर का दौरा किया, जहां उन्होंने सेना की युद्धक्षमता, नवाचार और व्यावसायिक उत्कृष्टता को लेकर तैयारियों की गहन समीक्षा की. इस दौरान उन्हें आधुनिक तकनीकों के समावेश और चल रही पहलों की जानकारी दी गई. उन्होंने सैनिकों से बातचीत की और उनकी रणनीतिक दक्षता, लचीले प्रशिक्षण और युद्धक्षेत्र नवाचारों की सराहना की.
इस यात्रा की एक खास बात रही पांच विशिष्ट पूर्व सैनिकों को वेटरन अचीवर अवॉर्ड से सम्मानित किया जाना, जिन्होंने सेवा निवृत्ति के बाद भी समाज और राष्ट्रनिर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया.
ब्रिगेडियर रामनारायण विनायक, वीएसएम (सेवानिवृत्त)
रामनारायण विनायक ने 300 से अधिक पूर्व सैनिकों को रोज़गार देने वाली सुरक्षा एजेंसी की स्थापना की. वीर नारियों को स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ दिलाया और पारिवारिक पेंशन के लिए सक्रिय रूप से आवाज़ उठाई. वह शौर्य स्मारक में युवाओं को वीरगाथाएं सुनाकर प्रेरित करते हैं.
कर्नल वैभव प्रकाश त्रिपाठी (सेवानिवृत्त)
मध्य प्रदेश एक्स-सर्विसमैन लीग के उपाध्यक्ष हैं और बैतूल में आदिवासी युवाओं को सेना में भर्ती की तैयारी कराने वाले प्रशिक्षण संस्थान से जुड़े हैं.
कर्नल के पी सिंह (सेवानिवृत्त)
कर्नल के पी सिंह पूर्व सैनिकों और विधवाओं को कानूनी सहायता देते हैं. जीवन प्रमाण पत्र और SPARSH से जुड़ी समस्याओं को हल करते हैं. साथ ही निःशुल्क SSB गाइडेंस भी देते हैं.
नायक अनिल कुमार वर्मा (सेवानिवृत्त)
इन्होंने बिलासपुर में अपने पुश्तैनी घर को छात्रावास में बदलकर एक स्कूल की स्थापना की, जो आदिवासी बच्चियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दे रहा है.
लांस डफादार प्रदीप कलसकर (सेवानिवृत्त)
पूर्व सैनिकों की पेंशन और आर्थिक समस्याएं सुलझाते हैं. इन्होंने आग से पांच लोगों की जान बचाई और 1,000 से अधिक पेड़ लगाने के लिए 'वृक्षमित्र' सम्मान पाया.
अंत में, जनरल द्विवेदी ने योधास्थल का दौरा कर सेना की बहादुरी और इतिहास की झलक को जनमानस से साझा किया, जिससे नागरिकों और सैनिकों के बीच संबंध और मजबूत हों.


