360 KG विस्फोटक मामले में नया मोड़, लेडी डॉक्टर से जुड़े आतंकी मुजम्मिल के तार!
हरियाणा के फरीदाबाद जिले से गिरफ्तार किए गए आतंकी मुजम्मिल के मामले में अब नया मोड़ आ गया है. अल्फलाह यूनिवर्सिटी से करीब 10 दिन पहले गिरफ्तार किए गए इस आतंकी के तार अब एक लेडी डॉक्टर से भी जुड़े पाए गए हैं. जांच में सामने आया है कि मुजम्मिल जिस कार का इस्तेमाल करता था, वह कार इसी लेडी डॉक्टर की है.

फरीदाबाद: हरियाणा के फरीदाबाद जिले से गिरफ्तार किए गए आतंकी मुजम्मिल के मामले में अब नया मोड़ आ गया है. अल्फलाह यूनिवर्सिटी से करीब 10 दिन पहले गिरफ्तार किए गए इस आतंकी के तार अब एक लेडी डॉक्टर से भी जुड़े पाए गए हैं. जांच में सामने आया है कि मुजम्मिल जिस कार का इस्तेमाल करता था, वह कार इसी लेडी डॉक्टर की है.
पूछताछ कर रही पुलिस
फिलहाल, पुलिस लेडी डॉक्टर से पूछताछ कर रही है. जब गाड़ी का नंबर सामने आया, तो वह महिला डॉक्टर खुद ही पुलिस के पास पूछताछ के लिए पहुंच गईं. पुलिस अधिकारी उससे यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर यह वाहन आतंकी मुजम्मिल तक कैसे पहुँचा और उनके बीच क्या संबंध था.
360 किलो विस्फोटक मिला
पुलिस जांच के अनुसार, आतंकी मुजम्मिल फरीदाबाद में फतेहपुर तगा रोड पर किराए के मकान में रह रहा था. सोमवार को उसकी निशानदेही पर पुलिस ने उस घर में छापेमारी की, जहाँ से 360 किलो विस्फोटक मिला है. इसके अलावा कैननकाप राइफल, 5 मैगजीन, एक पिस्टल व भारी मात्रा में कारतूस बरामद किए गए है. मौके से 8 बड़े सूटकेस, 4 छोटे सूटकेस, बाल्टी, टाइमर बैटरी के साथ, रिमोट, वॉकी-टॉकी सेट, इलेक्ट्रिक वायर सहित अन्य सामान मिला है. यह सब देखकर पुलिस को शक है कि मुजम्मिल किसी बड़ी आतंकी साजिश की तैयारी में था.
गहनता से जांच जारी
फिलहाल, फरीदाबाद पुलिस और जम्मू-कश्मीर पुलिस मिलकर इस पूरे मामले की गहराई से जांच कर रही हैं. पुलिस ने उस मकान के मालिक को भी पूछताछ के लिए बुलाया है ताकि यह पता लगाया जा सके कि उसने घर किराए पर देते समय किराएदार की सही जानकारी ली थी या नहीं. जांच एजेंसियों को उम्मीद है कि मकान मालिक की पूछताछ से कुछ अहम सुराग हाथ लग सकते हैं.
अल्फलाह यूनिवर्सिटी पहुंची पुलिस
इसी बीच एक अन्य पुलिस टीम अल्फलाह यूनिवर्सिटी भी पहुँची है, जहाँ मुजम्मिल बतौर अध्यापक कार्यरत था. कॉलेज प्रशासन और स्टाफ से लगातार पूछताछ की जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या उसे किसी ने मदद की थी या उसके संपर्क में और कौन लोग थे. कॉलेज परिसर में मीडिया को अंदर जाने की अनुमति नहीं दी गई है, जिससे जांच गुप्त रखी जा सके.


