नेहरू, इंदिरा और मनमोहन को पीछे छोड़ पीएम मोदी ने विदेश में दिया 17वां भाषण
नामीबिया की संसद में बुधवार को पीएम मोदी का जोरदार स्वागत हुआ, जहां सांसदों ने खड़े होकर तालियां बजाईं. यह उनका विदेशी संसद में 17वां भाषण था. अपनी 5 देशों की यात्रा में उन्होंने घाना, त्रिनिदाद और टोबैगो के साथ नामीबिया की संसद को भी संबोधित किया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच देशों के अपने दौरे को सफलतापूर्वक पूरा कर भारत के लिए वापसी कर ली है. इस यात्रा के अंतिम चरण में वे नामीबिया पहुंचे, जहां उनका भव्य स्वागत किया गया. नामीबिया की संसद में पीएम मोदी ने प्रभावशाली भाषण दिया, जो इतना जोरदार था कि सांसदों ने खड़े होकर तालियां बजाकर उनका अभिवादन किया. यह उनका विदेशी धरती पर संसद में 17वां संबोधन था. अपनी इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने घाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राजील और नामीबिया की संसदों को संबोधित किया.
पीएम मोदी के 11 वर्षों के कार्यकाल में उन्होंने विदेशी संसदों में अब तक कुल 17 भाषण दिए हैं, जो कांग्रेस के सभी प्रधानमंत्रियों द्वारा संयुक्त रूप से दिए गए भाषणों के बराबर है. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 7, इंदिरा गांधी ने 4, जवाहरलाल नेहरू ने 3, राजीव गांधी ने 2 और पी.वी. नरसिम्हा राव ने 1 भाषण दिया था. जबकि भाजपा के पूर्व नेता अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने कार्यकाल में 2 बार और मोरारजी देसाई ने एक बार विदेशी संसदों को संबोधित किया था.
विदेशी संसदों में 17 बार बोले पीएम मोदी
विदेशी संसदों में भाषण देने की शुरुआत पीएम मोदी ने साल 2014 में ऑस्ट्रेलिया से की थी. इसके बाद उन्होंने फिजी, भूटान, नेपाल, मॉरीशस, मंगोलिया, अफगानिस्तान, यूके, श्रीलंका, युगांडा, मालदीव, गुयाना समेत कई देशों की संसदों को संबोधित किया. 2016 और 2023 में उन्होंने अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को भी संबोधित किया था.
विदेश नीति में नया कीर्तिमान
नामीबिया की संसद में अपने संबोधन में पीएम मोदी ने भारत और अफ्रीका के बीच सहयोग को मजबूती देने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि भारत अफ्रीका के साथ प्रतिस्पर्धा नहीं बल्कि सहयोग चाहता है. भारत की अफ्रीका के साथ विकास साझेदारी 12 अरब डॉलर से अधिक की है. उन्होंने अफ्रीका के औद्योगीकरण एजेंडा 2063 के लिए भारत के समर्थन का आश्वासन दिया और रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग बढ़ाने की इच्छा व्यक्त की. पीएम मोदी ने कहा कि भारत और अफ्रीका के बीच संबंध सम्मान, समानता और पारस्परिक लाभ पर आधारित हैं.
भारत की विदेश नीति का नया अध्याय
प्रधानमंत्री मोदी ने 2018 में अफ्रीका के साथ 10 सिद्धांत निर्धारित किए थे, जिनके प्रति भारत की प्रतिबद्धता आज भी मजबूत है. उन्होंने कहा कि भारत अफ्रीका में स्थानीय कौशल विकास, रोजगार सृजन और नवाचार को बढ़ावा देना जारी रखेगा. अपनी पांच देशों की यात्रा के साथ, पीएम मोदी ने वैश्विक मंच पर भारत की मजबूत उपस्थिति और नेतृत्व का परिचय दिया है.


