score Card

महाराष्ट्र निकाय चुनाव में आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, चीफ ने सुनाया अहम आदेश

महाराष्ट्र के स्थानीय निकाय चुनाव एक बार फिर ओबीसी आरक्षण विवाद की वजह से सुर्खियों में हैं. सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश ने चुनाव का रास्ता तो खोल दिया है, लेकिन कई सीटों पर स्थिति बेहद उलझी हुई बन गई है.

महाराष्ट्र के स्थानीय निकाय चुनाव एक बार फिर ओबीसी आरक्षण विवाद की वजह से सुर्खियों में हैं. सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश ने चुनाव का रास्ता तो खोल दिया है, लेकिन कई सीटों पर स्थिति बेहद उलझी हुई बन गई है.

भारत का मुख्य न्यायाधीश (CJI) सूर्यकांत की अगुवाई वाली बेंच ने स्पष्ट किया है कि जहां भी 50% से ज्यादा आरक्षण दिया गया है, उन सीटों के चुनावी नतीजे अंतिम फैसले पर निर्भर करेंगे. यानी संभव है कि कुछ उम्मीदवार जीतकर भी विजेता न माने जाएं. 

कहां-कहां पर पड़ सकता है असर ?

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जिन नगर परिषदों और नगर पंचायतों में अभी चुनाव अधिसूचना जारी नहीं हुई, वहां 50% से ऊपर का आरक्षण लागू नहीं किया जा सकेगा. लेकिन जहां पहले से आरक्षण नोटिफाई है, वहां तो चुनाव समय पर होंगे, पर नतीजों पर रोक जैसी स्थितियां संभव हैं. 

राज्य निर्वाचन आयोग ने कोर्ट को बताया कि 246 नगर परिषदों और 42 नगर पंचायतों में चुनाव प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. इनमें से 40 नगर परिषद और 17 नगर पंचायतें 50% से ज़्यादा आरक्षण वाली हैं. इन जगहों पर 2 दिसंबर को मतदान होना है, लेकिन नतीजे रिट याचिका के फैसले पर निर्भर करेंगे. 

समाज को जातियों की रेखाओं में बांटना सही नहीं 

सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि चुनाव प्रक्रिया रोकी नहीं जाएगी, लेकिन भविष्य का फैसला बड़े पैमाने पर अदालत के अंतिम निर्णय पर आधारित होगा. सुनवाई के दौरान CJI सूर्यकांत ने यह भी कहा कि समाज को जातियों की रेखाओं में बांटना उचित नहीं, और आरक्षण सीमा तय करते समय संतुलन जरूरी है.

क्या है आरक्षण विवाद ?

महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव दिसंबर 2021 से रुके हुए थे. सुप्रीम कोर्ट ने तब कहा था कि ओबीसी आरक्षण तभी लागू हो सकता है जब ‘ट्रिपल टेस्ट’ पूरा हो. इसके बाद राज्य सरकार ने जयंत कुमार बंठिया आयोग का गठन किया था, जिसने 2022 में रिपोर्ट दी.

हालांकि मई 2025 में कोर्ट ने कहा था कि बंठिया आयोग से पहले की स्थिति के अनुसार ही चुनाव कराए जाएं और आरक्षण 50% की सीमा से पार नहीं होना चाहिए. राज्य अधिकारियों ने इस आदेश की गलत व्याख्या कर दी थी, जिसे अदालत ने अब साफ किया. 

calender
28 November 2025, 03:54 PM IST

जरूरी खबरें

ट्रेंडिंग गैलरी

ट्रेंडिंग वीडियो

close alt tag