ममता बनर्जी सरकार ने शांति निकेतन के पास होली पर लगाया बैन, रंग से पेड़ों को नुकसान...

पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने शांतिनिकेतन के पास सोनाझुरी हाट में होली समारोह आयोजित करने पर बैन लगा दिया है. इसको लेकर बैनर लगाए गए हैं. इसके साथ ही कई अन्य इलाकों में इसी तरह के बैन लगाए गए हैं, जिसका बीजेपी नेता ने विरोध किया है. उन्होंने कहा कि ममता की सरकार हिंदुओं के त्योहारों पर इसी तरह का काम करती है.

Kolkata: पश्चिम बंगाल सरकार ने इस साल शांतिनिकेतन के बीरभूम जिले में सोनाझुरी हाट में होली मनाने पर प्रतिबंध लगा दिया है . एक अधिकारी ने बुधवार को बताया कि इस क्षेत्र की हरियाली को संभावित नुकसान की चिंता का हवाला देते हुए सरकार ने यह कदम उठाया है. यह लोकप्रिय बाजार विश्व भारती विश्वविद्यालय के शांतिनिकेतन परिसर के पास स्थित है, जो यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल है .

बोलपुर के प्रभागीय वन अधिकारी राहुल कुमार ने बताया कि इलाके में बैनर लगाए गए हैं, जिसमें आगंतुकों से आग्रह किया गया है कि वे - जिनमें से कई घरेलू और विदेशी पर्यटक हैं - वहां वाहन पार्क न करें या होली न मनाएं. इसके अलावा, उन्हें उत्सव का वीडियो रिकॉर्ड न करने के लिए कहा गया है.

सरकारी अधिकारी ने क्या कहा?

राहुल कुमार ने पीटीआई को बताया कि "प्रतिबंध लागू करने के लिए विभाग पुलिस और प्रशासन से सहायता मांगेगा, लेकिन बेहतर समझ के लिए इसे लोगों पर छोड़ देगा." विश्व भारती के प्रवक्ता ने जोर देकर कहा कि विश्वविद्यालय यूनेस्को की विरासत की स्थिति के कारण होली के लिए परिसर को जनता के लिए खोलने की अनुमति नहीं दे सकता. सोनाझुरी के वन क्षेत्र में त्योहार मनाने पर प्रतिबंध के बारे में, डीएफओ ने स्पष्ट किया कि "हम कोई आदेश जारी नहीं कर रहे हैं और 14 मार्च को डोल यात्रा के दिन लोगों को बड़े समूहों में सोनाझुरी खोवाई बेल्ट में जाने से रोका जाएगा." पर्यावरणीय प्रभाव पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा, "हम जो रोकना चाहते हैं, वह है रंगों के त्योहार के दौरान हजारों लोगों का एक ऐसे क्षेत्र में इकट्ठा होना, जहां हरियाली है. रंगीन पानी के छिड़काव से पेड़ों को अपूरणीय क्षति हो सकती है. आइए हम 14 मार्च को सोनाझुरी को किसी भी तरह के पारिस्थितिक नुकसान से बचाने का संकल्प लें." 

वसंत उत्सव पर प्रतिबंध

यह पहली बार है जब वन विभाग ने सोनाझुरी हाट पर इस तरह का प्रतिबंध लगाया है, जो 2019 में विश्व भारती द्वारा 'बसंतो उत्सव' (वसंत उत्सव) में सार्वजनिक भागीदारी को रोकने के बाद होली समारोहों के लिए एक प्रमुख आकर्षण बन गया था. विश्व भारती के प्रवक्ता ने दोहराया, "हम यूनेस्को की विश्व धरोहर की स्थिति के कारण 'बसंतो उत्सव' के लिए विश्वविद्यालय परिसर (सभी के लिए) नहीं खोल रहे हैं."

नेता प्रतिपक्ष ने सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

इस प्रतिबंध पर प्रतिक्रिया देते हुए, पश्चिम बंगाल के नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने इस कदम के पीछे राजनीतिक मकसद का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, "यह सिर्फ़ एक इलाके में नहीं हुआ है. दूसरे समुदायों के कार्यक्रमों के समय पुलिस समन्वय कार्यक्रम करती है. हमने सीपीआई(एम) और टीएमसी के शासन के दौरान ऐसा होते देखा है. लेकिन 2025 में पहली बार होली के लिए हर थाने में मीटिंग हुई. मीटिंग में मुद्दा क्या था, दूसरे समुदाय के लिए यह एक खास महीना है और इस बार होली शुक्रवार को पड़ रही है. इसलिए खुलेआम कहा गया कि रंग नहीं लगाना चाहिए और होली मनानी चाहिए. अगर कोई कुछ करता है तो गिरफ़्तारी होगी. बीरभूम के एडिशनल एसपी ने कहा कि सुबह 10 बजे तक शांतिनिकेतन में होली का जश्न खत्म हो जाना चाहिए क्योंकि उस दिन शुक्रवार है...बंगाल में ऐसा पहली बार हो रहा है...ममता बनर्जी का पुलिस प्रशासन फूट डालने की राजनीति कर रहा है, तुष्टिकरण की राजनीति कर रहा है."
 

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13 March 2025, 12:22 PM IST

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