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मोदी का 'डिप्लोमेसी स्विच ऑन', ट्रंप की चिंता बढ़ाएगा एशिया कनेक्शन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों जापान और चीन की अहम यात्रा पर हैं. यह दौरा ऐसे समय हो रहा है जब अमेरिकी सरकार ने भारतीय उत्पादों पर 50 प्रतिशत तक का टैरिफ लगा दिया है और द्विपक्षीय रिश्तों में तनाव बढ़ गया है.

Suraj Mishra
Edited By: Suraj Mishra

PM Modi's Japan-China visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों एशिया की दो बड़ी आर्थिक ताकतों जापान और चीन की अहम यात्रा पर हैं. यह दौरा ऐसे समय हो रहा है जब अमेरिकी सरकार ने भारतीय उत्पादों पर 50 प्रतिशत तक का टैरिफ लगा दिया है और द्विपक्षीय रिश्तों में तनाव बढ़ गया है. ऐसे में पूरी दुनिया की निगाहें इस यात्रा पर टिकी हुई हैं, क्योंकि इसका असर न केवल भारत की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा बल्कि एशिया के भू-राजनीतिक समीकरणों पर भी होगा.

जापान से निवेश और तकनीकी सहयोग की उम्मीद

दौरे का पहला पड़ाव जापान है, जहां प्रधानमंत्री मोदी व्यापार और निवेश से जुड़े कई मुद्दों पर बातचीत करेंगे. जापान भारत का भरोसेमंद साझेदार है और क्वाड समूह का भी अहम हिस्सा है. मोदी सरकार मेक इन इंडिया अभियान को गति देने के लिए जापान से बड़े निवेश और तकनीकी सहयोग की उम्मीद कर रही है.

इस दौरान 100 से अधिक समझौतों पर हस्ताक्षर हो सकते हैं, जिनमें क्रिटिकल मिनरल्स, हाई-वैल्यू मैन्युफैक्चरिंग और ऑटोमोबाइल सेक्टर खास ध्यान में रहेंगे. अनुमान है कि अगले दशक में जापानी कंपनियां भारत में करीब 68 अरब डॉलर का निवेश करेंगी. सुजुकी मोटर अकेले अगले छह वर्षों में आठ अरब डॉलर का निवेश करेगी. इसके अलावा, रेयर अर्थ माइनिंग में सहयोग के लिए भी जापान से मदद मांगी जाएगी, क्योंकि भारत के पास इसका बड़ा भंडार तो है लेकिन उन्नत तकनीक की कमी है. उल्लेखनीय है कि पिछले पांच सालों में 25 हजार से ज्यादा भारतीय पेशेवर जापान की वर्कफोर्स में शामिल हुए हैं, जो दोनों देशों की गहरी साझेदारी को दिखाता है.

चीन में एससीओ सम्मेलन

दौरे के दूसरे चरण में प्रधानमंत्री मोदी चीन जाएंगे और शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. 2020 में गलवान घाटी में हुए खूनी संघर्ष के बाद यह पहली बार होगा जब मोदी चीन का दौरा करेंगे. सात साल बाद होने वाली यह यात्रा बेहद संवेदनशील मानी जा रही है.

हालांकि, वैश्विक व्यापार तनाव और अमेरिकी नीतियों के चलते चीन और भारत दोनों ही एक-दूसरे के साथ आर्थिक सहयोग बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं. अमेरिकी टैरिफ पर चीन ने भारत के रुख का समर्थन किया है, जिससे दोनों देशों के बीच संवाद का नया रास्ता खुल सकता है.

रिश्तों में सुधार की संभावना

विदेश सचिव विक्रम मिस्री के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी की जापान यात्रा नई पहलों और आपसी सहयोग के लिए अवसर लेकर आएगी. वहीं, चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ उनकी मुलाकात तनावपूर्ण संबंधों को नरम करने और व्यापारिक रिश्तों को नया आयाम देने का मौका बन सकती है.

कुल मिलाकर, मोदी की यह एशियाई यात्रा न सिर्फ निवेश और रोजगार के नए अवसर खोलेगी बल्कि क्षेत्रीय राजनीति और सुरक्षा समीकरणों पर भी गहरा प्रभाव डाल सकती है.

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29 August 2025, 11:30 AM IST

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