MP कांग्रेस ने 71 जिलाध्यक्षों की घोषणा की, विधायकों और पूर्व विधायकों को भी मिली कमान
मध्यप्रदेश कांग्रेस ने संगठन सृजन अभियान के तहत 71 जिलाध्यक्षों की सूची जारी की है. इसमें जयवर्धन सिंह, ओमकार सिंह मरकाम और अन्य विधायकों को भी जिलाध्यक्ष नियुक्त किया गया है. कई पुराने चेहरों को दोबारा जिम्मेदारी दी गई है. यह फेरबदल पार्टी के सांगठनिक ढांचे को मज़बूत करने की दिशा में अहम कदम है.

Madhya Pradesh Congress : मध्यप्रदेश कांग्रेस ने शनिवार को संगठन सृजन अभियान के तहत शहर और ग्रामीण जिलाध्यक्षों की लम्बित कुर्सियों पर फाइनल मोहर लगाई. पार्टी ने एक ही बार में 71 ज़िम्मेदार नेताओं की सूची जारी कर दी, जिससे लंबे समय से चले आ रहे इंतज़ार को आंशिक राहत मिली.
आपको बता दें कि इस बार कांग्रेस ने एक बड़ा बदलाव करते हुए कई विधायकों को भी जिलाध्यक्ष नियुक्त किया है जिसे पहले “एक पद, एक भूमिका” वाले फॉर्मूले के खिलाफ माना जाता था. इनमें प्रमुख हैं
• पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के पुत्र जयवर्धन सिंह—गुना जिलाध्यक्ष
• डिंडौरी विधायक ओमकार सिंह मरकाम—डिंडौरी जिलाध्यक्ष
• पूर्व मंत्री प्रियव्रत सिंह—राजगढ़ जिलाध्यक्ष
• महेश परमार—उज्जैन ग्रामीण (विधायक)
• सिद्धार्थ कुशवाह—सतना ग्रामीण (विधायक)
• संजय उईके—बालाघाट जिलाध्यक्ष
इन पांचों विधायकों को अब जिला संगठन की जिम्मेदारी भी मिली है, जिससे कांग्रेस की संगठनात्मक रणनीति में बदलाव की झलक मिलती है.
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष आदरणीय मल्लिकार्जुन खड़गे जी के मार्गदर्शन एवं नेता प्रतिपक्ष, जननायक श्री राहुल गांधी जी की मंशानुरूप मध्यप्रदेश में संगठन सृजन अभियान के तहत जिला अध्यक्षों के निर्वाचन की प्रक्रिया संपन्न हुई।
— MP Congress (@INCMP) August 16, 2025
यह सम्पूर्ण प्रक्रिया गहन विचार-विमर्श,… pic.twitter.com/U6y2kXUB2L
पूर्व विधायकों को फिर से संगठन में भूमिका
इसके साथ ही इस बार संगठन में पूर्व विधायकों की वापसी भी हुई है, जो लोकतांत्रिक रूप से पार्टी की ताकत को दर्शाता है:
• विपिन वानखेड़े — इंदौर ग्रामीण
• मुकेश पटेल — अलीराजपुर
• डॉ. अशोक मर्सकोले — मंडला
• कुंवर सौरभ सिंह — कटनी (शहर)
• हर्ष विजय गहलोत — रतलाम ग्रामीण
• सुनीता पटेल — नरसिंहपुर और भी कई नाम शामिल हैं.
2023 चुनाव लड़ने वाले नेताओं को मिली नई जिम्मेदारियाँ
पिछले विधानसभा चुनाव (2023) में भाग लेने वाले कई नेताओं को हार के बावजूद संगठनात्मक द्वार मिल रहा है, जैसे:
• राजेंद्र शर्मा—रीवा जिला
• धर्मेश घई—मैहर
• निलय डागा—बैतूल
• संजय यादव—जबलपुर ग्रामीण
• उत्तमपाल सिंह—खंडवा
यह निर्णय पार्टी की विफल प्रयासों को समर्पण और उसकी विचारधारा के प्रति प्रतिबद्धता का संकेत है.
18 जिलाध्यक्षों को दोबारा मौका, निरंतरता में विश्वास
इसके अलावा, कांग्रेस ने 18 ऐसे नेता हैं जिन्हें पुनः जिम्मेदारी सौंपी है—जिनमें शामिल हैं: शाजापुर, मुरैना ग्रामीण, अशोकनगर, बालाघाट, जबलपुर शहर, मैहर, रीवा ग्रामीण, झाबुआ, उज्जैन शहर, भोपाल शहर, भोपाल ग्रामीण, बड़वानी, खरगोन, विदिशा, सीधी, टीकमगढ़, सीहोर और छिंदवाड़ा (विश्वनाथ ओखटे). यह निरंतरता पार्टी की संगठनों में अनुभव और भरोसा बनाए रखने की नीति को दर्शाता है.


