9वीं बार बीजेडी के अध्यक्ष बनेंगे नवीन पटनायक, पार्टी कार्यालय जाकर दाखिल किया नामांकन, जल्द हो सकता है ऐलान
सभी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद शनिवार तक पटनायक के निर्विरोध निर्वाचन की आधिकारिक घोषणा होने की उम्मीद है. 1997 में पार्टी की स्थापना के बाद से वे लगातार आठ बार बीजद अध्यक्ष चुने गए हैं. आपको बता दें कि पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में नवीन पटनायक को 24 साल बाद सत्ता से बाहर होना पड़ा. चुनावों में बीजेडी को 51 सीटें मिलीं.

ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजू जनता दल (बीजद) सुप्रीमो नवीन पटनायक ने गुरुवार को बीजद अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन दाखिल किया, जो लगातार नौवीं बार उनके अध्यक्ष बनने का प्रयास है. पार्टी विधायक प्रताप केशरी देब ने पुष्टि की कि पटनायक शीर्ष पद के लिए एकमात्र उम्मीदवार थे. उन्होंने कहा कि हम वर्तमान में पार्टी के संगठनात्मक चुनाव कराने की प्रक्रिया में हैं. आज नवीन पटनायक ने निर्धारित समय सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे के बीच अपना नामांकन दाखिल किया. क्योंकि एक ही नामांकन है, इसलिए उन्हें अगला पार्टी अध्यक्ष घोषित किया जाएगा.
2020 में आठवीं बार चुने गए थे अध्यक्ष
सभी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद शनिवार तक पटनायक के निर्विरोध निर्वाचन की आधिकारिक घोषणा होने की उम्मीद है. 1997 में पार्टी की स्थापना के बाद से वे लगातार आठ बार बीजद अध्यक्ष चुने गए हैं, उनका सबसे हालिया चुनाव फरवरी 2020 में हुआ था. देब ने यह भी बताया कि जिला अध्यक्षों और राज्य परिषद सदस्यों की सूची को अंतिम रूप दे दिया गया है. उन्होंने कहा कि अगला चरण राज्य कार्यकारिणी सदस्यों का चयन होगा.
बीजू पटनायक की 28वीं पुण्यतिथि पर दाखिल किया नामांकन
आपको बता दें कि पटनायक ने गुरुवार को बीजू जनता दल के अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल किया. भुवनेश्वर के शंख भवन में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और राज्य निर्वाचन अधिकारी (एसआरओ) प्रताप देब की मौजूदगी में नामांकन दाखिल किया गया. उल्लेखनीय रूप से उन्होंने अपने पिता बीजू पटनायक की 28वीं पुण्यतिथि पर अपना नामांकन दाखिल किया, जिनके नाम पर क्षेत्रीय पार्टी, बीजू जनता दल का नाम रखा गया है. बीजू जनता दल के नेताओं ने भुवनेश्वर में ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री बीजू पटनायक को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की.
2024 के विधानसभा चुनाव में मिली हार
ओडिशा में 2024 के चुनावों में विधानसभा और लोकसभा चुनावों में बीजू जनता दल (बीजेडी) के प्रदर्शन में काफी अंतर देखने को मिला. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने 147 में से 78 सीटें जीतकर बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया और मोहन चरण माझी के नेतृत्व में सरकार बनाई. बीजेडी को 51 सीटें मिलीं, जिससे 24 साल बाद सत्ता से हाथ धोना पड़ा. बाद में तीन निर्दलीय विधायक भाजपा में शामिल हो गए, जिससे उसकी सीटों की संख्या 81 हो गई. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) ने 14 सीटें जीतीं.
लोकसभा चुनाव में भाजपा ने ओडिशा में 21 में से 20 सीटें जीतकर अपना दबदबा कायम रखा. राज्य में मजबूत उपस्थिति के बावजूद बीजद एक भी सीट हासिल नहीं कर पाई. कांग्रेस एक सीट जीतने में कामयाब रही.


