वाहन स्क्रैपिंग से 40,000 करोड़ की आमदनी, लाखों नौकरियां और प्रदूषण में कमी संभव: नितिन गडकरी
नितिन गडकरी ने कहा कि सभी पुराने और प्रदूषणकारी वाहनों को स्क्रैप करने से सरकार को 40,000 करोड़ रुपये का राजस्व और 70 लाख नई नौकरियां मिल सकती हैं. स्क्रैपिंग नीति से ऑटो सेक्टर को लाभ, प्रदूषण में कमी और देश की ऊर्जा आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलेगा.

Nitin Gadkari on vehicle scrapping: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को कहा कि अगर देश के सभी 97 लाख अनुपयुक्त और अत्यधिक प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को स्क्रैप कर दिया जाए तो इससे केंद्र और राज्य सरकारों को 40,000 करोड़ रुपये तक का जीएसटी लाभ हो सकता है. साथ ही 70 लाख नई नौकरियां भी उत्पन्न होंगी.
अगस्त 2025 तक तीन लाख पुराने वाहनों का स्क्रैप
उन्होंने यह बात ACMA वार्षिक सत्र 2025 में कही. गडकरी ने बताया कि अगस्त 2025 तक तीन लाख पुराने वाहनों को स्क्रैप किया जा चुका है, जिनमें से 1.41 लाख सरकारी वाहन शामिल हैं. वर्तमान में हर महीने औसतन 16,830 वाहन स्क्रैप किए जा रहे हैं और निजी क्षेत्र ने अब तक 2,700 करोड़ रुपये का निवेश किया है.
सरकार द्वारा लागू की गई वाहन स्क्रैपिंग नीति (V-VMP) का उद्देश्य पर्यावरण के अनुकूल तरीके से पुराने वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटाना है. नीति के तहत व्यावसायिक वाहनों को हर दो साल में फिटनेस टेस्ट कराना अनिवार्य है और सरकारी वाहनों की अधिकतम उम्र 15 साल निर्धारित की गई है. निजी वाहनों के लिए 15 साल बाद पंजीकरण नवीनीकरण के समय परीक्षण आवश्यक है.
छूट कोई दान नहीं, बल्कि मांग बढ़ाने का साधन
गडकरी ने ऑटोमोबाइल उद्योग से आग्रह किया कि वे स्क्रैप सर्टिफिकेट जमा करने वाले ग्राहकों को न्यूनतम 5% छूट दें. उन्होंने कहा कि यह छूट कोई दान नहीं, बल्कि मांग बढ़ाने का साधन है. उन्होंने यह भी बताया कि स्क्रैपिंग नीति से ऑटोमोबाइल पुर्जों की लागत में 25% तक की कमी आ सकती है. गडकरी ने दावा किया कि आने वाले पांच वर्षों में भारत का ऑटो उद्योग दुनिया में पहला बन सकता है. फिलहाल अमेरिका का उद्योग 78 लाख करोड़ रुपये का है. चीन का 47 लाख करोड़ और भारत का 22 लाख करोड़.
उन्होंने देश की ऊर्जा सुरक्षा और ईंधन आयात पर निर्भरता पर चिंता जताते हुए कहा कि भारत हर साल 22 लाख करोड़ रुपये का जीवाश्म ईंधन आयात करता है, जो पर्यावरण के लिए भी नुकसानदायक है. इसके विकल्प के रूप में उन्होंने इथेनॉल, गन्ना और कृषि अपशिष्ट से ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देने की बात कही.
सड़क सुरक्षा पर बोलते हुए उन्होंने बताया कि 2023 में 5 लाख सड़क दुर्घटनाएं और 1.8 लाख मौतें हुईं, जिनमें से 66% पीड़ित 18-34 वर्ष के युवा थे. इथेनॉल मिश्रण (E27) पर उन्होंने स्पष्ट किया कि सभी परीक्षणों के बाद ही यह नीति लागू की जाएगी और इसमें किसी तरह की गुणवत्ता से समझौता नहीं होगा.


