खून और पानी साथ नहीं बह सकते- Operation Sindoor पर PM मोदी का दो टूक संदेश
PM मोदी ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद जो बोला, उसने सिर्फ पाकिस्तान को ही नहीं, पूरी दुनिया को साफ संदेश दे दिया — अब आतंकवाद, व्यापार और बातचीत साथ नहीं चलेंगे. 'खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते' जैसी दमदार बातों ने दुनिया के मीडिया को भी सोचने पर मजबूर कर दिया. पूरा माजरा जानने के लिए खबर जरूर पढ़ो!

Operation Sindoor: भारत ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि अब देश आतंकवाद को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेगा. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब देश को संबोधित किया तो उनके शब्द सिर्फ भारत के लिए नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक कड़ा संदेश थे. इस भाषण की गूंज सिर्फ भारत तक सीमित नहीं रही बल्कि वाशिंगटन पोस्ट, बीबीसी, द गार्जियन, जापान टाइम्स जैसी बड़ी अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने इसे खास जगह दी.
भारत का कड़ा संदेश
प्रधानमंत्री मोदी ने दो टूक कहा कि “अब न आतंक और व्यापार साथ चलेंगे, न आतंक और बातचीत.” उन्होंने दुनिया को यह भी बताया कि “यह युद्ध का युग नहीं है, लेकिन यह आतंक का युग भी नहीं है.” यह बात उन्होंने पाकिस्तान को स्पष्ट तौर पर समझाई कि अगर वो शांति चाहता है, तो उसे अपने आतंकी ढांचे को खत्म करना ही होगा.
वैश्विक मीडिया की नजरें भारत पर
वाशिंगटन पोस्ट ने प्रधानमंत्री मोदी की इस चेतावनी को प्रमुखता दी कि भारत ने सिर्फ सैन्य कार्रवाई को रोका है, अगर भविष्य में कोई आतंकी हमला हुआ तो भारत अपनी शर्तों पर जवाब देगा.
द गार्जियन ने 'परमाणु ब्लैकमेल' जैसे शब्दों को हाइलाइट किया, जो दिखाता है कि अब भारत पाकिस्तान की परमाणु धमकियों से नहीं डरता.
बीबीसी न्यूज़ ने पीएम मोदी के बयान को headline बनाया: 'पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते.' ये बताने के लिए कि अब सब्र का बांध टूट चुका है.
जापान टाइम्स ने इस बात को प्रमुखता दी कि पीएम मोदी ने इस ऑपरेशन को 'नया सामान्य' करार दिया. यानी अब भारत की नीति स्थायी रूप से बदल चुकी है – सख्त और साफ.
पाकिस्तान को आखिरी चेतावनी
पीएम मोदी ने कहा कि 'ऑपरेशन सिंदूर को सिर्फ निलंबित किया गया है, खत्म नहीं किया गया है.' यानी जरूरत पड़ी तो फिर से कार्रवाई की जाएगी. पाकिस्तान को यह समझ लेना चाहिए कि भारत अब पहले जैसा नहीं रहा. अब आतंक फैलाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा.
क्या है भारत का ‘नया सामान्य’?
प्रधानमंत्री का सीधा संदेश था कि भारत अब रक्षात्मक नहीं, बल्कि आक्रामक रणनीति अपनाएगा. उन्होंने कहा कि बातचीत सिर्फ दो मुद्दों पर हो सकती है – आतंकवाद और कश्मीर.


