score Card

अब भारत में पड़ेगी हाड़ कंपाने वाली सर्दी!, जानिए क्यों...

भारत में इस साल जमकर बारिश हुई. बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में लगातार बने नए मौसम तंत्रों ने बारिश को और मजबूत किया. यही मौसमी पैटर्न भारत में आने वाली सर्दियों को भी कड़ाके का बना सकता है.

Suraj Mishra
Edited By: Suraj Mishra

Winter Weather: इस साल भारत में मानसून ने जमकर बारिश दी है. बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में लगातार बने नए मौसम तंत्रों ने बारिश को और मजबूत किया. उत्तर से लेकर दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक झमाझम बारिश का असर साफ दिखा. विशेषज्ञों का कहना है कि इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है प्रशांत महासागर क्षेत्र में एल-नीनो की जगह ला-नीना का सक्रिय होना. यही मौसमी पैटर्न भारत में आने वाली सर्दियों को भी कड़ाके का बना सकता है.

अमेरिका की नेशनल ओशिएनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA) के अनुसार, ला-नीना का असर सितंबर से नवंबर के बीच करीब 53% तक दिख सकता है. साल के अंत तक इसकी संभावना 58% तक पहुंच जाएगी. एक बार सक्रिय होने पर इसका असर पूरी सर्दियों और शुरुआती वसंत तक रह सकता है.

प्राकृतिक जलवायु प्रणाली है ला-नीना

ला-नीना दरअसल एक प्राकृतिक जलवायु प्रणाली है, जिसमें भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर का पानी सामान्य से ज्यादा ठंडा हो जाता है. इस बदलाव का असर वायुमंडलीय गतिविधियों पर पड़ता है और यह वैश्विक मौसम को प्रभावित करता है. इसके विपरीत, एल-नीनो की स्थिति में यही पानी सामान्य से गर्म हो जाता है, जिससे मौसम का पैटर्न बदल जाता है.

विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार की ला-नीना अपेक्षाकृत कमजोर रहेगी. इसलिए इसका असर हर जगह स्पष्ट तौर पर नहीं दिखेगा. फिर भी यह जलवायु की दिशा तय करने वाला अहम कारक होगा.

ला-नीना का असर और तापमान में गिरावट

ला-नीना की वजह से भारत में अधिकतर बार सामान्य से ज्यादा बारिश होती है. वहीं अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका के कुछ हिस्सों में सूखे की स्थिति पैदा होती है. यह वैश्विक औसत तापमान को भी कुछ हद तक कम करता है. यही कारण है कि मौसम विज्ञानी मान रहे हैं कि इस बार भारत समेत एशियाई देशों में कड़ाके की ठंड देखने को मिलेगी. इसके उलट, एल-नीनो तापमान बढ़ाकर सूखे और गर्मी को बढ़ावा देता है.

2020 से 2022 तक लगातार तीन साल ला-नीना सक्रिय रहा

पिछले दशक में 2020 से 2022 तक लगातार तीन साल ला-नीना सक्रिय रहा था, जिसे ट्रिपल डिप ला-नीना कहा गया. इसके बाद 2023 में एल-नीनो की वापसी हुई. वैज्ञानिकों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के चलते ला-नीना और एल-नीनो जैसी घटनाएं अब ज्यादा बार और अधिक तीव्रता के साथ सामने आ सकती हैं.

यानी इस बार की अच्छी बारिश के बाद अब देश को सर्दियों में जमकर ठंड का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा.

Topics

calender
28 August 2025, 02:12 PM IST

जरूरी खबरें

ट्रेंडिंग गैलरी

ट्रेंडिंग वीडियो

close alt tag