पहलगाम नरसंहार: शक के घेरे में दुकानदार, आतंकियों के मददगारों पर NIA का शिकंजा
NIA ने कुछ दुकानदारों को रडार पर लिया है, जिन्होंने हमले से ठीक पहले अपनी दुकानें बंद कर दी थीं. इसके अलावा, सुरक्षाबल पहलगाम और बैसरन में आतंकियों के छिपे ठिकानों की तलाश में जुटे हैं. संदिग्धों की लगातार पूछताछ हो रही है और पूर्व आतंकियों से भी जानकारी ली जा रही है. क्या इस जांच में बड़ा खुलासा होने वाला है?

Pahalgam massacre: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुआ नरसंहार पूरे देश को हैरान कर गया है. इस हमले के बाद से सुरक्षा एजेंसियां एक्टिव मोड में आ गई हैं. नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने इस मामले की कमान संभाल ली है और हर उस व्यक्ति पर नज़र रखी जा रही है जो इस हमले से पहले संदिग्ध गतिविधियों में शामिल रहा हो.
जिन्होंने अचानक दुकानें बंद की, वे अब रडार पर
NIA ने पहलगाम और बैसरन इलाके में ऐसे कई दुकानदारों को चिन्हित किया है जिन्होंने इसी महीने अपनी दुकान या कारोबार शुरू किया, लेकिन हमले से ठीक पहले या उसी दिन बिना किसी कारण के अपनी दुकानें बंद कर दीं. इनसे अब पूछताछ की जा रही है और इनके मोबाइल फोन का डेटा भी खंगाला जा रहा है.
फोन डाटा से मिल सकते हैं सुराग
जिन लोगों से पूछताछ हो रही है, उनके फोन से यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि कहीं उनकी आतंकियों से बातचीत तो नहीं हुई. कुछ संदिग्धों के फोन में संदिग्ध कॉल और चैटिंग का डेटा भी मिला है, जिसकी जांच तेजी से चल रही है. दक्षिण कश्मीर में बारिश और घनी धुंध के बावजूद सुरक्षाबल बैसरन घाटी और आसपास के जंगलों में लगातार तलाशी अभियान चला रहे हैं. आतंकियों को भागने से रोकने के लिए करीब 25 से 30 किलोमीटर के दायरे में घेराबंदी की गई है.
गुफाओं में हो सकते हैं आतंकी छिपे हुए
एजेंसियों को शक है कि आतंकियों ने इस इलाके की पहले से रेकी की थी और हमला करने के बाद छिपने के लिए प्राकृतिक गुफाओं में अपना ठिकाना बना लिया है. वहां उन्होंने लंबे समय तक टिके रहने के लिए राशन और जरूरी सामान भी जमा किया हो सकता है.
75 लोग PSA के तहत हिरासत में, पूछताछ का दौर जारी
अब तक कश्मीर में 75 से ज़्यादा लोगों को PSA (जन सुरक्षा अधिनियम) के तहत हिरासत में लिया जा चुका है. इनमें पूर्व आतंकी, ओवरग्राउंड वर्कर और अन्य संदिग्ध शामिल हैं. जम्मू की कोट भलवाल जेल में बंद दो पुराने आतंकी मददगारों से भी पूछताछ की गई है.
सेटेलाइट फोन और हाईटेक संचार का इस्तेमाल
सूत्रों के मुताबिक, आतंकी इस पूरे ऑपरेशन के दौरान सेटेलाइट फोन और अल्ट्रा-एल्पाइन संचार सेट्स के ज़रिए पाकिस्तान में बैठे अपने हैंडलरों से संपर्क में थे. अब तक चार बार सेटेलाइट फोन के इस्तेमाल के सबूत मिले हैं.
पूर्व आतंकियों के ठिकानों पर छापेमारी, दस्तावेज़ बरामद
श्रीनगर में पुलिस ने लश्कर और हिजबुल से जुड़े पूर्व आतंकियों और उनके सहयोगियों के ठिकानों पर छापेमारी की. 140 से अधिक ठिकानों पर तलाशी ली गई और कुछ डिजिटल उपकरणों व अलगाववादी दस्तावेज़ों को ज़ब्त किया गया.
एक-एक सुराग से जोड़ रहे हैं जांच की कड़ी
पहलगाम नरसंहार की जांच अब हर दिशा में जा रही है. दुकानदारों की संदिग्ध चुप्पी हो या आतंकियों की गुफाओं में छिपने की तैयारी, सुरक्षा एजेंसियां हर सुराग को जोड़कर इस खौफनाक हमले की परतें खोलने में जुटी हैं. आने वाले दिन कई बड़े खुलासे ला सकते हैं.


