राजस्थान के जैसलमेर में पाक जासूस गिरफ्तार, 2019 से आईएसआई से संपर्क में था
जैसलमेर में गिरफ्तार पाक जासूस पठान खान 2019 से आईएसआई के संपर्क में था और भारतीय सेना से जुड़ी गोपनीय जानकारियां साझा करता रहा है. उससे पूछताछ में कई अहम खुलासे सामने आए हैं.

राजस्थान के जैसलमेर जिले में सुरक्षा एजेंसियों ने एक बड़ी सफलता हासिल की है. करीब एक महीने चली जांच के बाद पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से जुड़े एक जासूस पठान खान को गिरफ्तार किया गया है. आरोपी जैसलमेर के मोहनगढ़ नाड़ी क्षेत्र का निवासी है और उस पर भारत-पाकिस्तान सीमा के पास भारतीय सेना की गतिविधियों की जानकारी पाकिस्तान तक पहुंचाने का आरोप है.
एडीजी संजय अग्रवाल ने की गिरफ्तारी की पुष्टि
राज्य खुफिया विभाग के एडीजी संजय अग्रवाल ने इस गिरफ्तारी की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि पठान खान आईएसआई के इशारे पर देशविरोधी गतिविधियों में संलिप्त था और भारतीय सैन्य ठिकानों की जानकारी जुटाकर सीमा पार भेज रहा था. अधिकारियों के अनुसार, प्रारंभिक पूछताछ के दौरान कई अहम सुराग हाथ लगे हैं, जिसके बाद जयपुर में आरोपी के खिलाफ सरकारी गोपनीयता अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है.
जांच के दौरान यह भी सामने आया कि पठान खान भारतीय सीमावर्ती क्षेत्रों की तस्वीरें और वीडियो बनाकर पाकिस्तान भेजता था. बदले में उसे भुगतान भी किया जाता था. उसके पास से कई तकनीकी उपकरण बरामद हुए हैं, जिनका इस्तेमाल वह आईएसआई एजेंटों के साथ संपर्क में रहने के लिए करता था. फोन कॉल्स, सोशल मीडिया और चैट एप्स के जरिए उसने कई बार संवेदनशील जानकारी साझा की थी.
2019 में पाकिस्तान गया था पठान
बताया जा रहा है कि खान 2019 में पाकिस्तान गया था, जहां उसने अपने रिश्तेदारों से मिलने के बहाने आईएसआई एजेंटों से संपर्क स्थापित किया. लौटने के बाद उसने भारत में जासूसी नेटवर्क को सक्रिय करने का काम शुरू कर दिया. अधिकारियों को संदेह है कि वह अकेला नहीं था और संभवत: उसके संपर्क में अन्य लोग भी थे.
पठान से गहन पूछताछ
फिलहाल पठान खान को जयपुर लाया गया है, जहां केंद्रीय खुफिया एजेंसियां और राज्य पुलिस की संयुक्त टीम उससे गहन पूछताछ कर रही हैं. अधिकारी यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि उसने अब तक क्या-क्या जानकारी साझा की और किन-किन लोगों के संपर्क में रहा. जांच की प्रगति के साथ इस मामले से जुड़े और भी खुलासों की उम्मीद की जा रही है. यह गिरफ्तारी देश की सीमाओं पर सक्रिय विदेशी जासूसी नेटवर्क के खिलाफ एक अहम कदम मानी जा रही है.


