पहलगाम हमले के पीछे पाकिस्तान समर्थित ओवरग्राउंड वर्कर्स का हाथ, 15 संदिग्धों की पहचान

पहलगाम आतंकवादी हमले की जांच में 15 स्थानीय कश्मीरी ओवरग्राउंड वर्कर्स (OGWs) और आतंकवादी सहयोगियों की पहचान की गई है, जो पाकिस्तानी हमलावरों की मदद करने में संलिप्त हो सकते हैं. इन संदिग्धों ने हमलावरों के लिए रसद, मार्गदर्शन और हथियारों की खेप की व्यवस्था की थी. सुरक्षा बलों ने 200 से अधिक OGWs से पूछताछ की है और 15 प्रमुख संदिग्धों पर ध्यान केंद्रित किया है. हमलावरों की तलाश के लिए तलाशी अभियान जारी है.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद की जांच में इलेक्ट्रॉनिक निगरानी के आधार पर 15 स्थानीय कश्मीरी ओवरग्राउंड वर्कर्स (OGW) और आतंकवादियों के सहयोगियों की पहचान की गई है, जो पाकिस्तान के हमलावरों की मदद करने में संलिप्त हो सकते हैं. इस बर्बर हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की मौत हो गई, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे. सूत्रों ने बताया कि इन संदिग्धों पर शक है कि उन्होंने हमलावरों के लिए रसद की व्यवस्था की और संभवतः पाकिस्तान से हथियारों की खेप भी प्राप्त की.

संदिग्धों की पहचान और गिरफ्तारियां

कश्मीर में सुरक्षाबलों और जांच एजेंसियों ने हमले के संबंध में पांच प्रमुख संदिग्धों पर ध्यान केंद्रित किया है. इनमें से तीन को हिरासत में लिया गया है, जबकि दो अन्य संदिग्धों की तलाश की जा रही है. ये सभी संदिग्ध हमले के दिन और उससे पहले आसपास के क्षेत्रों में सक्रिय पाए गए थे. उनके फोन ट्रैक्स और इलेक्ट्रॉनिक निगरानी से पता चला कि वे पाकिस्तानी आतंकवादियों के संपर्क में थे और हमलावरों को स्थानीय मदद प्रदान कर रहे थे.

जांच के दौरान एक चैट भी सामने आई है जिसमें तीन प्रमुख संदिग्धों के बीच बातचीत हो रही थी, जिसमें वे पहलगाम में पाकिस्तानी आतंकवादियों के साथ उनके सहयोग के बारे में चर्चा कर रहे थे. सूत्रों ने बताया कि इन संदिग्धों ने पाकिस्तान के आतंकवादियों को समर्थन देने के लिए आवश्यक संसाधन और मार्गदर्शन प्रदान किया था.

OGWs से पूछताछ और संदिग्धों का पीछा

इस बीच, सुरक्षा बलों ने हमले से पहले की घटनाओं की जांच के लिए 200 से अधिक ओवरग्राउंड वर्कर्स को हिरासत में लिया है. सूत्रों के अनुसार, इन सभी OGWs से पूछताछ की जा रही है ताकि हमलावरों के बारे में और अधिक जानकारी मिल सके. माना जा रहा है कि हमलावर अभी भी पहलगाम के घने जंगलों में छिपे हो सकते हैं, इसलिए सुरक्षा बलों ने उनकी तलाश में तलाशी अभियान को तेज कर दिया है.

पुलिस और सुरक्षा बलों के ज्वॉइंट सर्च ऑपरेशन में 15 OGWs की पहचान की गई है जो दक्षिण कश्मीर से हैं. इन लोगों को पहले ही जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा OGW के रूप में सूचीबद्ध किया जा चुका है और इन पर पहले भी पाकिस्तान से जुड़े आतंकवादियों को मदद पहुंचाने का आरोप रहा है. इन संदिग्धों ने पिछले कुछ वर्षों में कई आतंकवादी हमलों में पाकिस्तान के आतंकवादियों की मदद की है, जिसमें रसद सहायता, मार्गदर्शन और यहां तक कि पाकिस्तान से हथियारों की खेप भी शामिल है.

कश्मीर में सक्रिय OGWs की भूमिका

अधिकारियों के अनुसार, 4-5 आतंकियों ने इस हमले को अंजाम दिया, जिनमें से दो पाकिस्तानी थे. सूत्रों ने बताया कि यह टीम पाकिस्तान से निर्देशित थी और इन OGWs ने हमलावरों के लिए स्थानीय सहायता प्रदान की थी. एक अधिकारी ने बताया, "हमें पर्याप्त परिस्थितिजन्य साक्ष्य मिल चुके हैं जो यह बताते हैं कि ये OGWs हमलावरों के लिए रसद की व्यवस्था कर रहे थे और आतंकवादी टीम के संचालन में मदद कर रहे थे. अब हम उनकी गिरफ्तारी के लिए और अधिक जानकारी जुटाने की कोशिश कर रहे हैं."

आतंकवादियों की मदद करने वाले OGWs की जांच

एक अन्य अधिकारी ने बताया कि 200 से अधिक OGWs से पूछताछ की गई है और अब जांचकर्ताओं ने 15 प्रमुख संदिग्धों पर ध्यान केंद्रित किया है. इनमें से कई OGWs पाकिस्तान के आतंकवादियों के साथ संपर्क में रहने, उन्हें शरण देने और उनके लिए मार्गदर्शक का काम करने के लिए जाने जाते हैं. इस समय, सुरक्षा बलों और खुफिया एजेंसियों द्वारा एक संयुक्त पूछताछ अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें एनआईए, जम्मू-कश्मीर पुलिस, खुफिया ब्यूरो और रॉ के अधिकारी शामिल हैं.

आतंकी की तलाश में तेज तलाशी अभियान

हमलावरों की तलाश के लिए सुरक्षाबलों ने बैसरन के आसपास के जंगलों में तलाशी अभियान तेज कर दिया है. हालांकि, अब तक किसी भी सुराग का पता नहीं चल सका है, जिससे यह संदेह हो रहा है कि आतंकवादी अभी भी इन घने जंगलों में छिपे हो सकते हैं. सुरक्षाबलों का कहना है कि वे जल्द ही आतंकवादियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार करने में सफल होंगे.

पहलगाम हमले में पाकिस्तान द्वारा समर्थित आतंकवादियों की संलिप्तता और कश्मीर में उनके सहयोगियों की भूमिका के बारे में जांच जारी है, और इस हमले के दोषियों को पकड़ने के लिए सुरक्षा बलों के प्रयास तेज कर दिए गए हैं.

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27 April 2025, 05:53 PM IST

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