गायों के चारे में जहर!, फगवाड़ा में 22 गौवंश की मौत से मचा हड़कंप, हिंदू संगठनों का विरोध प्रदर्शन
पंजाब के फगवाड़ा शहर में 22 गायों की मौत हो गई. मामला सामने आने के बाद हिंदू संगठनों में गुस्सा नजर आया और विरोध प्रदर्शन करने लगे. हिंदू संगठनों ने फगवाड़ा बंद रखने का आह्वान किया है. उन्होंने आरोप लगाया है कि गाय के चारे में जहर मिलाया गया.

जाब के फगवाड़ा के एक गौशाला में 22 गायों की मौत हो गई. जबकि दो दर्जन से अधिक गायें बीमार हो गईं. जब इसकी खबर हिंदू संगठनों को लगी तो, वे विरोध प्रदर्शन करने लगे. हिंदू संगठनों ने आरोप लगाया कि गायों के चारे में ज़हर मिलाया गया था. मामले को लेकर हिंदू संगठनों ने सोमवार को बंद का आह्वान भी किया है.
जानकारी के मुताबिक, आज भी कई गायें गंभीर हालत में जिंदगी के लिए संघर्ष कर रही हैं और गौशाला में मौजूद सरकारी डॉक्टरों की टीम उनका इलाज कर उन्हें बचाने की हर संभव कोशिश कर रही है. इस बीच, घटना को लेकर हिंदू संगठनों के नेताओं में गुस्सा और विरोध है और घटना के विरोध में फगवाड़ा बंद का ऐलान किया गया है. हिंदू संगठनों के आह्वान पर आज सुबह से फगवाड़ा के सभी बाजार और दुकानें पूरी तरह से बंद हैं.
पोस्टमार्टम के बाद ही लगेगा सही वजहों का पता
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि मामले में एक प्राथमिकी दर्ज की गई है और सभी एंगलों से मामले की जांच की जा रही है. फगवाड़ा की पुलिस अधीक्षक रूपिंदर कौर भट्टी ने बताया कि रविवार रात यहां मेहलीगेट स्थित कृष्ण गौशाला में 20 गायों की मौत हो गई और 28 बीमार हो गईं. गुरु अंगद देव पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय (GADVASU) के पशु चिकित्सकों का एक बोर्ड शवों का पोस्टमार्टम कर रहा है.
भट्टी ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का सही कारण पता चलेगा. उन्होंने कहा कि हमें घटना के पीछे कोई दुर्भावनापूर्ण मकसद नहीं मिला है, लेकिन हम सभी एंगलों से मामले की जांच कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि घटना के पीछे कोई शरारत तो नहीं है, यह पता लगाने के लिए गौशाला के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं.
पुलिस ने बताया कि गौशाला प्रबंधक सतनाम सिंह की शिकायत पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 299 (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्य, किसी भी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का इरादा) और 325 (किसी भी पशु को मारने, जहर देने या बेकार करने के लिए सजा) और पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है.


