जयशंकर के चीन दौरे पर गरमाई सियासत, कांग्रेस ने याद दिलाई ड्रैगन की चालबाजियां
विदेश मंत्री एस. जयशंकर के चीन दौरे को लेकर देश की सियासत एक बार फिर गरमा गई है. जहां सरकार इसे भारत-चीन रिश्तों में सुधार की दिशा में अहम कदम बता रही है, वहीं कांग्रेस ने इस दौरे पर सवाल खड़े कर दिए हैं. पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने जयशंकर के बयान पर पलटवार करते हुए चीन की पुरानी हरकतों की याद दिलाई है.

विदेश मंत्री एस. जयशंकर के चीन दौरे और वहां उपराष्ट्रपति हान झेंग से हुई मुलाकात को लेकर विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने तीखा हमला बोला है. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने जयशंकर के उस बयान पर प्रतिक्रिया दी है जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत-चीन रिश्तों में सुधार हो रहा है. रमेश ने याद दिलाया कि वही चीन ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान को हथियार और खुफिया इनपुट दे रहा था. उन्होंने विदेश मंत्री के बयान को 'हैरान करने वाला' बताते हुए पीएम नरेंद्र मोदी के पुराने बयान को भी घेरा, जिसमें उन्होंने कहा था कि 'कोई घुसपैठ नहीं हुई है'.
चीन अब भी दुश्मन; जयराम रमेश
जयराम रमेश ने एक्स (Twitter) पर पोस्ट करते हुए लिखा, “एस. जयशंकर के अनुसार अक्तूबर में पीएम मोदी और शी जिनपिंग की मुलाकात के बाद से भारत-चीन संबंधों में सुधार हुआ है. लेकिन हम उन्हें याद दिलाना चाहते हैं कि चीन वही देश है जिसने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान का पूरा समर्थन किया था.” उन्होंने आगे कहा कि चीन ने पाकिस्तान को PL-15E मिसाइलें, ड्रोन और रियल टाइम इंटेलिजेंस मुहैया कराए. डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ राहुल सिंह के हवाले से रमेश ने कहा कि, 'ऑपरेशन सिंदूर के वक्त भारत एक साथ तीन मोर्चों पर लड़ रहा था, जिनमें से एक मोर्चा चीन था.”
व्यापार घाटा और चीन की ‘एकतरफा नीतियों’ पर भी निशाना
जयराम रमेश ने भारत-चीन के व्यापारिक संबंधों की खामियों की ओर भी ध्यान दिलाया. उन्होंने कहा कि भारत चीन पर फार्मा, टेलिकॉम और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे महत्वपूर्ण सेक्टरों में अब भी अत्यधिक निर्भर है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि, चीन ने भारत को रेयर अर्थ मैग्नेट्स का एक्सपोर्ट रोक दिया.
फर्टिलाइजर और इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी चीज़ों की आपूर्ति पर भी रोक लगी.
भारत का चीन के साथ 99.2 अरब डॉलर का व्यापार घाटा है.
फॉक्सकॉन प्लांट विवाद के चलते चीन ने यहां से अपने कई वर्कर्स वापस बुला लिए.
“चीन की सेना अब भी सीमा पर डटी है, फिर भी सरकार कह रही है संबंध सुधर रहे हैं?” कांग्रेस नेता ने कहा कि चीन ने देपसांग, डेमचोक और चुनार जैसे संवेदनशील इलाकों में अब भी भारी सैन्य तैनाती कर रखी है. बावजूद इसके, भारत सरकार की ओर से यह कहना कि संबंध सामान्य हो रहे हैं यह चौंकाने वाला है.
पुराने बयानों पर कांग्रेस का कटाक्ष
जयराम रमेश ने जयशंकर के उस पुराने बयान की भी याद दिलाई जिसमें उन्होंने कहा था कि चीन एक बड़ी अर्थव्यवस्था है, उससे टकराव से बचना चाहिए. इसके अलावा उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान को भी निशाने पर लिया जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत की सीमा में कोई घुसपैठ नहीं हुई है. कांग्रेस नेता ने सवाल उठाया कि जब 1962 की जंग के दौरान संसद में बहस हो सकती थी, तो अब क्यों नहीं? हम 2020 से मांग कर रहे हैं कि संसद में चीन मुद्दे पर विस्तृत बहस हो,” रमेश ने दोहराया.


