पोप फ्रांसिस के निधन पर प्रधानमंत्री मोदी ने जताया शोक, कहा- दुनिया ने एक महान मार्गदर्शक खो दिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पोप फ्रांसिस के निधन पर गहरा दुख प्रकट किया है. प्रधानमंत्री और पोप फ्रांसिस की पहली भेंट अक्टूबर 2021 में इटली यात्रा के दौरान हुई थी, जब मोदी जी जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने पहुंचे थे. दोनों नेताओं की दूसरी मुलाकात जून 2024 में इटली के अपुलिया में आयोजित जी7 सम्मेलन के अवसर पर हुई थी.

पीएम नरेंद्र मोदी ने पोप फ्रांसिस के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया और इसे पूरी मानवता के लिए एक अपूरणीय क्षति बताया. उन्होंने अपने संवेदनात्मक संदेश में कहा कि पोप फ्रांसिस की सेवा भावना, करुणा और आध्यात्मिक समर्पण ने दुनिया भर में अनगिनत लोगों को प्रेरित किया. पीएम मोदी ने उन्हें उन लोगों के लिए आशा की किरण बताया जो जीवन में कठिनाइयों का सामना कर रहे थे.
88 वर्षीय पोप का निधन
अपने बयान में प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं पोप फ्रांसिस से हुई अपनी मुलाकातों को याद करता हूं. उनकी समावेशिता और सबके विकास के प्रति प्रतिबद्धता ने मुझे प्रभावित किया. भारत के प्रति उनका स्नेह हमेशा स्मरणीय रहेगा. ईश्वर उन्हें शांति प्रदान करें. 88 वर्षीय पोप का निधन वेटिकन सिटी के कासा सांता मार्टा निवास पर ईस्टर सोमवार को हुआ.
पीएम मोदी की पोप फ्रांसिस से दो बार मुलाकात
पीएम मोदी की पोप फ्रांसिस से दो बार मुलाकात हुई थी. पहली बार अक्टूबर 2021 में वेटिकन सिटी में, जब मोदी जी G20 शिखर सम्मेलन के लिए इटली गए थे. यह बैठक लगभग 55 मिनट चली, जिसमें कोविड, जलवायु परिवर्तन और वैश्विक गरीबी जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा हुई. उस दौरान पीएम मोदी ने उन्हें भारत आने का निमंत्रण भी दिया था.
Deeply pained by the passing of His Holiness Pope Francis. In this hour of grief and remembrance, my heartfelt condolences to the global Catholic community. Pope Francis will always be remembered as a beacon of compassion, humility and spiritual courage by millions across the… pic.twitter.com/QKod5yTXrB
— Narendra Modi (@narendramodi) April 21, 2025
दूसरी मुलाकात जून 2024 में इटली के अपुलिया में G7 सम्मेलन के दौरान हुई. दोनों नेताओं के बीच गर्मजोशी भरे संवाद और गले मिलने का दृश्य पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना. इस अवसर पर भी प्रधानमंत्री ने उन्हें भारत आने का आमंत्रण दोहराया.
अंतर-धार्मिक संवाद को प्राथमिकता
पोप फ्रांसिस, जिनका असली नाम जॉर्ज मारियो बर्गोग्लियो था, वे अर्जेंटीना से पहले पोप बने थे. वे पहले जेसुइट और पहले गैर-यूरोपीय पोप थे. उन्होंने सामाजिक न्याय, पर्यावरण संरक्षण और अंतर-धार्मिक संवाद को हमेशा प्राथमिकता दी.


