score Card

हाईकोर्ट से बड़ा झटका: मजीठिया को राहत नहीं, अकाली नेता जेल में ही रहेंगे

शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता बिक्रम मजीठिया को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है। उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका खारिज हो गई, और वे 29 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में ही रहेंगे।

Lalit Sharma
Edited By: Lalit Sharma

Punjab News: बिक्रम मजीठिया को एक और बड़ा झटका तब लगा जब पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी। वह अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए कोर्ट पहुंचे थे। लेकिन अदालत ने उन्हें कोई अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया। अब वे नाभा जेल में ही रहेंगे। इस फैसले से कानूनी शिकंजा और कस गया है। मजीठिया ने अपनी याचिका में दावा किया कि उनकी गिरफ्तारी गैरकानूनी और राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित है। उन्होंने दलील दी कि गिरफ्तारी में वैधानिक प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया। मगर अदालत को उनकी दलीलें संतोषजनक नहीं लगीं। न्यायालय ने माना कि गिरफ्तारी कानूनन उचित थी। इसी आधार पर याचिका खारिज कर दी गई।

अदालत के आदेश के बाद मजीठिया को जेल में ही रहना होगा। उनकी कानूनी टीम अब नए विकल्पों पर विचार कर सकती है। लेकिन अगली सुनवाई तक राहत की उम्मीद नहीं है। 14 दिन की न्यायिक हिरासत पहले ही दी जा चुकी है। अब 29 जुलाई को ही अगला मौका मिलेगा। इस पर सियासी हलकों में भी बहस जारी है।

 29 जुलाई को अगली सुनवाई तय

कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 29 जुलाई को तय की है। यह सुनवाई केस की दिशा तय कर सकती है। कानूनी विशेषज्ञ मानते हैं कि तब तक कोई भी राहत असंभव है। vigilance विभाग की ओर से और सबूत पेश किए जा सकते हैं। अकाली दल की ओर से अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। मजीठिया की कानूनी लड़ाई अभी जारी है।

विजिलेंस ने साधा निशाना

विजिलेंस ब्यूरो ने मजीठिया को अमृतसर स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया था। उन पर आय से अधिक संपत्ति रखने का आरोप है। रिपोर्ट्स के मुताबिक यह संपत्ति 540 करोड़ से अधिक की बताई जा रही है। आरोप है कि इन संपत्तियों को बेनामी नामों पर रखा गया था। यह कार्रवाई राज्य सरकार की भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम का हिस्सा है। मजीठिया की गिरफ्तारी ने पंजाब की राजनीति को गर्मा दिया है। विपक्ष इसे सरकार की प्रतिशोध की राजनीति बता रहा है। वहीं सरकार इसे कानून के अनुसार की गई कार्रवाई कह रही है। अकाली दल मजीठिया के समर्थन में खड़ा दिख रहा है। पार्टी कार्यकर्ताओं में नाराज़गी है। यह मुद्दा सभी राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है।

पार्टी की छवि को झटका

यह पूरा मामला शिरोमणि अकाली दल की छवि पर भी असर डाल रहा है। मजीठिया को कभी पार्टी का अभेद्य चेहरा माना जाता था। अब कानूनी दिक्कतों ने उनकी पकड़ को कमजोर किया है। जानकारों का मानना है कि इससे चुनावी समीकरण प्रभावित हो सकते हैं। पार्टी को अब अपने वरिष्ठ नेता को लेकर रणनीति तय करनी होगी। आगे की राह उनके लिए आसान नहीं होगी।

calender
08 July 2025, 01:58 PM IST

जरूरी खबरें

ट्रेंडिंग गैलरी

ट्रेंडिंग वीडियो

close alt tag