score Card

OMG: करोड़पति कुत्तों का गांव, जहां आस्था और जमीन की अनोखी कहानी मिलती है

पंजाब के पटियाला जिले का खानपुर गांव अपनी अनोखी परंपरा से देश-दुनिया में अलग पहचान रखता है। यहां करोड़ों की जमीन कुत्तों के नाम दर्ज है और इन्हें भगवान की तरह पूजा जाता है।

Lalit Sharma
Edited By: Lalit Sharma

पंजाब न्यूज. पंजाब के पटियाला जिले का खानपुर गांव आज पूरे देश में चर्चा में है। यहां रहने वाले कुत्ते करोड़पति कहलाते हैं क्योंकि उनके नाम पर 160 बीघे से ज्यादा जमीन दर्ज है। यह जमीन करोड़ों की कीमत रखती है और गांव के लोग मानते हैं कि यह बेजुबान भगवान के रूप में हैं। इंसान मालिक नहीं, बल्कि यहां कुत्ते ही असली मालिक कहलाते हैं।

आस्था से जुड़ी परंपरा

इस गांव में लगभग 800 परिवार रहते हैं और हर परिवार कुत्तों को भगवान की तरह मानता है। लोग तब तक खाना नहीं खाते जब तक कुत्तों को भोग न लग जाए। मंदिर में कुत्तों को पहले मिस्सी रोटी और लस्सी खिलाई जाती है। सुबह-शाम आरती होती है और वहां का नज़ारा किसी बड़े धार्मिक स्थल जैसा होता है।

मंदिर और भोग की रस्म

गांव के डेरे में भगवान शिव का मंदिर है। वहां महंत हर दिन आवाज़ लगाते हैं – “आयो… आयो।” यह आवाज़ सुनकर कुत्तों का झुंड मंदिर पहुंच जाता है। उनके लिए अलग-अलग पकवान बनाए जाते हैं। महंत अपने हाथों से कुत्तों को खिलाते हैं और उसके बाद भक्तों में लंगर बांटा जाता है। यहां बिना भोग लगाए कोई भी इंसान खाना नहीं खाता।

जमीन का चौंकाने वाला सच

इतिहास में इस परंपरा की जड़ें गहरी हैं। पटियाला के संस्थापक बाबा आला ने जब गद्दीनशीन महंत भगवान गिरी को जमीन दान करनी चाही, तो उन्होंने अपने नाम पर लेने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि जमीन इंसानों के नाम पर नहीं, बल्कि उन कुत्तों के नाम पर होनी चाहिए जो तपस्या के समय उनके साथ रहते थे। तब से जमीन बेजुबानों के नाम पर ही दर्ज है।

श्रद्धा और मन्नत का स्थान

गांव में सिर्फ लोग ही नहीं, आस-पास के गांवों से भी श्रद्धालु आते हैं। वे अपने साथ भोजन लेकर आते हैं और कुत्तों को खिलाकर मन्नत मांगते हैं। यहां विश्वास इतना गहरा है कि लोग कहते हैं कुत्तों की दुआ भी असर करती है। यही वजह है कि यह जगह धार्मिक आस्था और अनोखे विश्वास का केंद्र बन गई है।

नियम और अनुशासन का पालन

गांव के लोग बताते हैं कि यहां हर नियम कुत्तों को केंद्र में रखकर बना है। तीन बार उन्हें खिलाने के बाद ही इंसान खाना खा सकता है। अगर चाहें तो जमीन से बहुत कमाई हो सकती है, लेकिन तय है कि उसका इस्तेमाल सिर्फ कुत्तों की सेवा और डेरे के सुधार में होगा। यही अनुशासन इस परंपरा को आज तक जिंदा रखे हुए है।

दुनिया के लिए मिसाल

खानपुर गांव में कुत्तों और इंसानों का रिश्ता सिर्फ पालतू और मालिक का नहीं है। यह आस्था, करुणा और इंसानियत का संगम है। करोड़ों की जमीन और भगवान जैसा दर्जा इन बेजुबानों को यहां अलग पहचान देता है। जब दुनिया लालच और संपत्ति की लड़ाई में उलझी है, तब यह गांव इंसानों को करुणा और साझा जीवन का बड़ा सबक सिखाता है।

calender
22 September 2025, 02:57 PM IST

ताजा खबरें

ट्रेंडिंग वीडियो

close alt tag