पंजाब में डेयरी किसानों को बड़ी राहत देने वाली मान सरकार की योजना ने बाढ़ के बाद नई उम्मीद जगाई
पंजाब सरकार ने बाढ़ से प्रभावित पशुपालकों और डेयरी किसानों को बड़ी राहत देते हुए करोड़ों की सहायता योजना शुरू की है। इस योजना से पशु स्वास्थ्य, डेयरी उत्पादन और किसानों की कमाई में सीधा लाभ होगा।

पंजाब न्यूज. बाढ़ के बाद कई किसानों के पशु बीमार हुए। कई की डेयरी यूनिटें कमजोर हो गईं। आय पर सीधा असर पड़ा। सरकार ने स्थिति समझी। फिर राहत योजना लागू की। होशियारपुर और तारागढ़ के किसानों को 59 लाख रुपये मिले। यह राशि पशु चिकित्सालयों के बेहतर ढांचे में लग रही है। इससे किसानों को फिर से मजबूत होने का मौका मिलेगा।
सरकार ने कितना सहारा दिया?
इस साल 204 डेयरी किसानों को 3 करोड़ रुपये मिले। यह सहायता 2 से 20 पशुओं वाली इकाइयों के लिए थी। सरकार ने युवाओं को भी जोड़ा। 9,150 बेरोज़गार युवाओं को डेयरी प्रशिक्षण मिला। इससे उन्हें खुद का काम शुरू करने में आसानी होगी। राज्य भर में सेमिनार और शिविर चले। किसानों को बीमा, दवाओं और स्वास्थ्य लाभों की जानकारी मिली। इस अभियान से भरोसा बढ़ा है।
अनाज खरीद में सरकार कितनी सख्त?
मंत्री लाल चंद कटारूचक ने खरीद सीजन की तैयारी बताई। उन्होंने कहा कि हर किसान का अनाज खरीदा जाएगा। होशियारपुर में लाखों मीट्रिक टन गेहूं आने वाला है। अन्य जिलों में भी बड़ी मात्रा आएगी। सरकार ने लापरवाही पर रोक लगाई है। खरीद केंद्रों पर सख्त निगरानी है। किसानों को समय पर भुगतान देने का भरोसा दिया गया है। इससे उनकी आर्थिक सुरक्षा मजबूत रहेगी।
डेयरी उद्योग में इतना बड़ा निवेश क्यों?
माझा क्षेत्र में 135 करोड़ की परियोजना शुरू हुई। इसका लक्ष्य है उन्नत डेयरी उत्पाद बनाना। जैसे फ्लेवर्ड दूध, लस्सी और दही। इससे पंजाब की डेयरी पहचान मजबूत होगी। संयंत्र की सुविधाएँ बढ़ाई गई हैं। उत्पादन क्षमता में बड़ा सुधार आएगा। बढ़ती मांग को पूरा किया जा सकेगा। यह कदम पंजाब को डेयरी हब बनाने की तैयारी है।
बीमा योजना किसानों को कैसे बचाती है?
पशुपालन विभाग ने 30,000 पशु बीमित किए। किसानों को 7 करोड़ की मदद दी गई। बीमारी या मृत्यु पर तुरंत सहायता मिलती है। इससे परिवार की रोज़ी पर असर नहीं पड़ता। विभाग ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि किसानों को हर योजना की जानकारी मिले। जागरूकता से अधिक लाभ जमीन तक पहुंचेगा। यह कदम पशुपालकों की सुरक्षा का आधार बनता जा रहा है।
मोबाइल पशु चिकित्सा सेवा कितनी कारगर?
केंद्र सरकार की योजना से मोबाइल यूनिटें मिलीं। 100% वित्तीय सहायता दी गई। यह सुविधा टोल-फ्री नंबर से उपलब्ध है। इसमें इलाज, दवा, टीकाकरण और छोटी सर्जरी शामिल है। किसानों के दरवाजे पर सेवा पहुँच रही है। बीमार पशु का जल्द इलाज हो रहा है। इससे नुकसान कम होता है। यह सेवा गांवों में बड़ी राहत बनकर उभरी है।
ब्रांड वेरका को क्या नई दिशा मिली?
वेरका के उत्पाद अब ई-कॉमर्स पर हैं। इससे दूध और दही विदेशों तक जाएँगे। नया शुभंकर ‘वीरा’ भी लॉन्च हुआ है। ब्रांडिंग मजबूत हो रही है। नए उत्पाद जैसे काजू-बादाम दूध और रबड़ी भी आ रहे हैं। मुख्यमंत्री का कहना है कि डेढ़ साल में 50,000 करोड़ का निवेश आया। राजपुरा में 138 करोड़ का पशु आहार संयंत्र खुल रहा है। इससे किसानों की आय और बढ़ेगी। डेयरी क्षेत्र में पंजाब नई पहचान बना रहा है।


