आज दुनिया देखेगी भारत की ताकत, गणतंत्र दिवस पर राफेल, सुखोई और प्रलय मिसाइल दिखाएगा अपना सामर्थ्य
Republic Day 2025: 26 जनवरी को भारत अपना 76वां गणतंत्र दिवस मनाने के लिए तैयार है, और इस बार परेड में भारत की सैन्य शक्ति का शानदार प्रदर्शन होगा. कर्तव्य पथ पर आयोजित होने वाली इस भव्य परेड में राफेल और सुखोई जैसे जंगी विमानों से लेकर प्रलय मिसाइल तक, भारत अपनी ताकत को दुनिया के सामने पेश करेगा.

Republic Day 2025: भारत आज अपना 76वां गणतंत्र दिवस मनाने के लिए पूरी तरह तैयार है, जो 1950 में संविधान के लागू होने और गणराज्य बनने के बाद से देश की लोकतांत्रिक प्रगति और सामर्थ्य का प्रतीक बन चुका है. इस दिन भारत न केवल अपनी सैन्य शक्ति का प्रदर्शन करता है, बल्कि अपनी सांस्कृतिक विविधता और तकनीकी उपलब्धियों को भी प्रस्तुत करता है. कर्तव्य पथ पर होने वाली परेड भारत की प्रगति, परंपरा और विकास का जीवंत प्रमाण होगी.
यह परेड देश की ताकत, समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और सशक्त भारत के विजन को दुनिया के सामने प्रस्तुत करेगी. राष्ट्रपति मुर्मू के नेतृत्व में यह भव्य समारोह भारतीय जनता के साहस, संकल्प और देशभक्ति को प्रदर्शित करेगा. परेड का आयोजन देशवासियों को अपनी सैन्य ताकत और समृद्ध विरासत का गर्व महसूस कराएगा.
कर्तव्य पथ पर भव्य परेड का आगाज
आज 76वें गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में कर्तव्य पथ पर परेड की शुरुआत होगी, जो सुबह 10:30 बजे से शुरू होगी. दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है, और ऐतिहासिक इमारतें तिरंगे के रंगों से सजाई गई हैं. इस परेड में देश की सैन्य ताकत का प्रदर्शन किया जाएगा, जिसमें ब्रह्मोस, पिनाक, आकाश जैसी अत्याधुनिक रक्षा प्रणालियां शामिल होंगी.
परेड की शुरुआत सांस्कृतिक धुन से
दूरदर्शन और अन्य मीडिया प्लेटफार्मों पर यह परेड लाइव प्रसारित की जाएगी, जिसमें 300 से अधिक सांस्कृतिक कलाकार वाद्ययंत्रों पर "सारे जहां से अच्छा" की धुन बजाकर परेड की शुरुआत करेंगे. इस धुन के साथ देश के विभिन्न हिस्सों के सांस्कृतिक गौरव को भी दिखाया जाएगा.
सेना का प्रदर्शन: ब्रह्मोस और प्रलय मिसाइल
भारत की सैन्य ताकत को प्रदर्शित करते हुए ब्रह्मोस मिसाइल, पिनाक और आकाश रक्षा प्रणालियों का प्रदर्शन होगा. इसके साथ ही, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा निर्मित प्रलय मिसाइल को पहली बार गणतंत्र दिवस परेड में शामिल किया जाएगा. यह मिसाइल सतह से सतह तक मार करने की क्षमता रखती है, जो भारत की रक्षा प्रणाली को और भी सशक्त बनाती है.
सशस्त्र बलों का तालमेल: थल, जल और वायु सेना का समन्वित प्रदर्शन
परेड में पहली बार तीनों सेनाओं की झांकी प्रदर्शित की जाएगी, जो थल, जल और वायु सेना के बीच तालमेल को दर्शाएगी. इसमें स्वदेशी अर्जुन युद्धक टैंक, तेजस लड़ाकू विमान और उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर दिखाए जाएंगे. यह परेड भारतीय सेना की तैयारी, समन्वय और सुरक्षा का प्रतीक होगी, जो "सशक्त और सुरक्षित भारत" का संदेश देगी.
परेड के कमांडर: लेफ्टिनेंट जनरल भवनीश कुमार
दिल्ली क्षेत्र के जनरल ऑफिसर कमांडिंग, लेफ्टिनेंट जनरल भवनीश कुमार परेड के कमांडर होंगे, जबकि सेकेंड-इन-कमान मेजर जनरल सुमित मेहता होंगे. ये दोनों अधिकारी इस भव्य आयोजन के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे.
सैन्य ताकत के साथ सांस्कृतिक धरोहर का भी होगा प्रदर्शन
आज के समारोह में सिर्फ सैन्य शक्ति का प्रदर्शन ही नहीं, बल्कि भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का भी आयोजन होगा. विभिन्न राज्यों की सांस्कृतिक झांकियों का प्रदर्शन किया जाएगा, जो देश के विविधता में एकता की मिसाल पेश करेंगे.


