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कांग्रेस के घर में महाभारत? रवनीत सिंह बिट्टू के दावे से तूफ़ान, भाई-बहन तकरार राहुल विदेश रवाना

कांग्रेस नेतृत्व को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। केंद्रीय मंत्री के दावे के बाद राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के बीच कथित मतभेदों पर नई बहस छिड़ गई है।

Lalit Sharma
Edited By: Lalit Sharma

नई दिल्ली. केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने दावा किया है कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा के बीच मतभेद चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह विवाद अब परिवार तक सीमित नहीं रहा। उनके अनुसार, मतभेदों के कारण राहुल गांधी विदेश चले गए। इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई है। कांग्रेस की ओर से फिलहाल कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।

विदेश जाने को लेकर क्या कहा गया?

मीडिया से बातचीत में बिट्टू ने कहा कि राहुल गांधी इस समय जर्मनी में हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल देश के मुद्दों से दूर हैं। बिट्टू ने तुलना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री देश के लिए विदेश जाते हैं। वहीं राहुल गांधी सैर-सपाटे के लिए जाते हैं। इस बयान को लेकर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया की संभावना जताई है। मामला अब राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का रूप ले चुका है।

प्रियंका बनाम राहुल की बात क्यों उठी?

बिट्टू ने कहा कि संसद में दिए गए भाषणों को लेकर भी तुलना हो रही है। उन्होंने दावा किया कि प्रियंका गांधी के भाषणों की सराहना हुई। इसी बात से राहुल गांधी नाराज बताए जा रहे हैं। मंत्री का कहना है कि इसी नाराजगी के चलते राहुल परिवार और पार्टी से दूरी बनाकर विदेश चले गए। यह दावा सियासी तौर पर बड़ा माना जा रहा है।

भाजपा नेताओं ने पहले क्या कहा था?

इससे पहले भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने सोशल मीडिया पर दावा किया था कि ‘टीम प्रियंका बनाम टीम राहुल’ खुलकर सामने आ गई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की अंदरूनी कलह अब बाहर दिखने लगी है। उनके बयान ने विवाद को और हवा दी। भाजपा लगातार कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल उठा रही है।

ओडिशा पत्र का जिक्र क्यों अहम?

पूनावाला ने ओडिशा के कांग्रेस नेता मोहम्मद मुकीम के पत्र का हवाला दिया था। इस पत्र में पार्टी नेतृत्व पर सवाल उठाए गए थे। पत्र में संगठन और विचारधारा में सुधार की बात कही गई थी। भाजपा का कहना है कि इससे कांग्रेस में नेतृत्व संकट साफ दिखता है। इस पत्र को लेकर भी कांग्रेस असहज नजर आई।

कांग्रेस की चुप्पी क्या संकेत देती?

अब तक कांग्रेस की ओर से इन आरोपों पर कोई बयान नहीं आया है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि चुप्पी से अटकलें और बढ़ती हैं। पार्टी के भीतर मतभेद हैं या नहीं, यह साफ नहीं है। लेकिन विपक्ष इसे मुद्दा बनाकर लगातार हमला कर रहा है। आने वाले दिनों में कांग्रेस की प्रतिक्रिया अहम होगी।

इस विवाद का सियासी असर क्या होगा?

विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे आरोप चुनावी माहौल में असर डाल सकते हैं। भाजपा इसे कांग्रेस की कमजोरी बताने की कोशिश कर रही है। वहीं कांग्रेस समर्थक इसे राजनीति से प्रेरित बयान मानते हैं। सच्चाई जो भी हो, विवाद ने सियासी तापमान बढ़ा दिया है। अब सबकी नजर कांग्रेस के अगले कदम पर टिकी है।

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17 December 2025, 02:43 PM IST

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