Supreme Court: ट्रेन में आपका कोई सामान चोरी हुआ तो रेलवे ज़िम्मेदार नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने 18 साल पुराने मामले में सुनाया फ़ैसला

देश की शीर्ष अदालत ने कहा है कि अगर ट्रेन में यात्री का कोई सामान या पैसा चोरी होता है तो इसके लिए रेलवे को ज़िम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता बल्कि यात्री ख़ुद अपने सामान की सुरक्षा का ज़िम्मेदार है.

Tahir Kamran
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हाइलाइट

  • ट्रेन में आपका कोई सामान चोरी हुआ तो रेलवे नहीं होगा ज़िम्मेदार.

Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने 16 जून को ट्रेन के अंदर हुई चोरी के एक मामले की सुनवाई करते हुए अहम फ़ैसला सुनाया है. देश की शीर्ष अदालत ने कहा है कि अगर ट्रेन में यात्री का कोई सामान या पैसा चोरी होता है तो इसके लिए रेलवे को ज़िम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता बल्कि यात्री ख़ुद अपने सामान की सुरक्षा का ज़िम्मेदार है.

यात्री अपने सामान की सुरक्षा का ख़ुद ज़िम्मेदार

जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और जस्टिस विक्रम नाथ की बेंच ने अपने फ़ैसले में कहा कि अगर किसी यात्री का सामान ट्रेन में चोरी हो जाता है तो इसे किसी भी तरह से रेलवे की सेवाओं में कमी नहीं मानी जा सकती है. अगर यात्री ख़ुद अपने सामान की सुरक्षा नहीं कर सकता है तो इसके लिए रेलवे को कैसे ज़िम्मेदार ठहराया जा सकता है. इसे रेलवे की सेवाओं में कमी नहीं मानी जा सकती.

कोर्ट ने बदला राष्ट्रीय उपभोक्ता फ़ोरम का फ़ैसला 

कोर्ट ने अपने फ़ैसले में ज़िला, राज्य और राष्ट्रीय उपभोक्ता फ़ोरम के उस फ़ैसले को भी रद्द कर दिया, जिसमें रेलवे को ट्रेन में हुई एक चोरी के एवज में एक लाख रुपये का भुगतान करने को कहा गया था.

काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस में हुई चोरी का है मामला 

दरअसल, कोर्ट ने यह आदेश व्यापारी सुरेंद्र भोला के मामले पर सुनवाई करते हुए दिया. सुरेंद्र भोला 27 अप्रैल, 2005 को काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस से नयी दिल्ली जा रहे थे. उस दौरान उनके पास एक लाख रुपये थे. सुबह जब वह उठे तो पैंट की जेब कटी हुई थी और पैसे चोरी हो चुके थे. इसके बाद उन्होंने जीआरपी में एफ़आईआर और उपभोक्ता फ़ोरम में मामला दर्ज कराया था. 
 

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17 June 2023, 04:08 PM IST

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