पहलगाम हमले पर रॉबर्ट वाड्रा का बयान बना विवाद का कारण, कर्ण सिंह ने जताई गहरी चिंता
वाड्रा ने कहा कि देश के अल्पसंख्यक खुद को असुरक्षित और उपेक्षित महसूस कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यदि इस आतंकी हमले की गहराई से जांच की जाए, तो साफ़ दिखाई देगा कि हमलावर जब पहचान के आधार पर लोगों को निशाना बना रहे हैं, तो इसके पीछे वजह क्या है. इसका मूल कारण यह है कि देश में हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच एक खतरनाक सामाजिक दूरी बन चुकी है.

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा का बयान विवादों में आ गया है. उन्होंने कहा कि यह हमला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए ‘संदेश’ था. वाड्रा ने घटना को बेहद दुखद बताते हुए कहा कि मारे गए लोगों के प्रति उनकी गहरी संवेदना है, लेकिन साथ ही उन्होंने मौजूदा सरकार की नीतियों को लेकर भी सवाल उठाए.
हिंदू-मुस्लिम के बीच एक खतरनाक खाई
वाड्रा ने आरोप लगाया कि देश में हिंदू-मुस्लिम के बीच एक खतरनाक खाई बन गई है और अल्पसंख्यक खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. उनका कहना था कि यदि हमलावर पहचान देखकर लोगों को निशाना बना रहे हैं, तो यह दर्शाता है कि देश में सांप्रदायिक तनाव बढ़ा है. उन्होंने यह भी जोड़ा कि जब तक सभी नागरिक खुद को सुरक्षित और बराबरी का महसूस नहीं करेंगे, तब तक इस तरह की घटनाएं होती रहेंगी.
वहीं, इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं. कुछ लोगों ने वाड्रा के दृष्टिकोण का समर्थन किया, तो कुछ ने यह सवाल उठाया कि मीडिया उनकी राय को क्यों तवज्जो देता है.
आतंकी घटना पर कर्ण सिंह की प्रतिक्रिया
इस बीच, जम्मू-कश्मीर के पूर्व महाराजा और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ. कर्ण सिंह ने भी इस आतंकी घटना पर अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने इसे ‘अविश्वसनीय और दिल दहला देने वाला’ हमला बताया और कहा कि कश्मीर जैसे पर्यटन-आधारित क्षेत्र में इस तरह की हिंसा दुर्भाग्यपूर्ण है. कर्ण सिंह ने आशंका जताई कि यह हमला पूर्व नियोजित था और हमलावर पहले से घाटी में सक्रिय थे.
उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि घटना की गहन जांच कराई जाए और सुरक्षा एजेंसियों को सख्त कदम उठाने चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो.


