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जंगलों से होकर, बंदूक की नोक तक – जानिए कैसे रॉबिन का अमेरिका जाने का सपना बिखर गया!

कुरुक्षेत्र का रॉबिन हांडा बेहतर भविष्य के लिए अमेरिका जाने का सपना देखता है, लेकिन भयानक जंगलों, बंदूक की नोक पर वसूली, और अवैध माफिया का शिकार होकर उसे डिपोर्ट कर दिया जाता है. उसका सपना तो टूटता है, लेकिन उसके परिवार पर कर्ज का बोझ बढ़ जाता है. जानिए रॉबिन और उसके जैसे युवाओं का संघर्ष, जो आपको सोचने पर मजबूर कर देगा. क्या था रॉबिन का खतरनाक सफर? पूरी कहानी जानें.

Aprajita
Edited By: Aprajita

Robin Handa Dangerous Journey: रॉबिन हांडा (27) का सपना था कि वह अमेरिका में नई जिंदगी शुरू करेगा, लेकिन इस सपने को पूरा करने के लिए उसे कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. उसने मक्सिको-अमेरिका सीमा तक पहुंचने के लिए कई देशों और भयानक जंगलों को पार किया. रॉबिन के पिता मंजीत सिंह बताते हैं कि उनका बेटा गुयाना, ब्राजील, पेरू, कोलंबिया, इक्वाडोर और ग्वाटेमाला से होते हुए समुद्र पार कर अमेरिका की सीमा तक पहुंचा था. इस सफर के दौरान, वह कई दिन भूखा रहा और उसे लात-घूसे भी खाने पड़े.

कनपटी पर बंदूक रखकर वसूली और अवैध माफिया का शिकार

रॉबिन को मक्सिको में आव्रजन माफिया ने पकड़ लिया और उनसे पैसे की वसूली की. उसकी कनपटी पर बंदूक रखकर उसे पैसे देने को कहा गया और फिर भी रॉबिन को वहां भी यातनाएं झेलनी पड़ीं. उन्होंने 45 लाख रुपये खर्च किए, जिनमें से 20 लाख रुपये मक्सिको में आव्रजन माफिया को दिए. रॉबिन के पिता ने बताया कि उनका बेटा हर कीमत पर अमेरिका पहुंचने का सपना लिए था, लेकिन इस सफर में उसे बहुत नुकसान हुआ.

खुद का सपना टूटा, परिवार का भविष्य भी अंधकारमय

रॉबिन के पिता ने अपनी जमीनें बेचकर और गहने गिरवी रखकर बेटे के अमेरिका जाने का सपना पूरा करने की कोशिश की थी. लेकिन यह सपना टूट गया जब रॉबिन को अमेरिका में अवैध प्रवासी होने के कारण डिपोर्ट कर दिया गया. रॉबिन उन 104 भारतीयों में शामिल था, जिन्हें अमेरिका ने वापस भेजा. इस घटना से उनका परिवार कर्ज के बोझ तले दब गया है, और उनका भविष्य अंधकारमय हो गया है.

विदेश जाने का सपना न बनाएं, अवैध रास्ते से बचें

रॉबिन के साथ-साथ कई और युवाओं को भी इसी तरह के दुख का सामना करना पड़ा है. उनका पैसा और समय दोनों बर्बाद हो गए. अब रॉबिन के पिता ट्रैवल एजेंट पर आरोप लगा रहे हैं कि उसने अपने बेटे को झूठे वादों के तहत अमेरिका भेजने का सपना दिखाया. उनका कहना है कि कोई भी युवा अब अवैध रास्ते से विदेश जाने का सपना न देखे क्योंकि यह सब सिर्फ धोखा है.

खुशप्रीत और अन्य युवाओं का भी वही हाल

कुरुक्षेत्र के अन्य युवा, जैसे खुशप्रीत सिंह (18), जो अमेरिका जाने का सपना लेकर निकले थे, उन्हीं हालात से गुजर चुके हैं. खुशप्रीत ने 40 लाख रुपये खर्च किए, जो उसने अपनी जमीन बेचकर इकट्ठा किए थे. खुशप्रीत को अमेरिका की सीमा पर पकड़ लिया गया, लेकिन वह अब घर वापस लौट आए हैं. हालांकि उनका परिवार राहत महसूस कर रहा है, लेकिन कर्ज का बोझ अब भी उनके सिर पर है.

इसने यह सिद्ध कर दिया कि अवैध तरीके से विदेश जाने का सपना कोई सुरक्षित रास्ता नहीं है. युवाओं को अब यह समझना होगा कि कठिन रास्ते सिर्फ दर्द और बर्बादी की ओर ले जाते हैं, और इसके बजाय उन्हें सही मार्ग चुनने की जरूरत है.

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06 February 2025, 11:14 PM IST

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