रेलवे के लिए बजट में 3.5 लाख करोड़ रुपये मांगे, हाई-स्पीड रेल परियोजनाओं से कनेक्टिविटी को मिलेगा बढ़ावा
परिचालन दक्षता और ग्राहक सेवा में सुधार के लिए AI, बिग डेटा और उद्योग 5.0 तकनीकों का लाभ उठाया जाएगा। नए चालू किए गए रेलवे लाइनों के साथ औद्योगिक गलियारे स्थापित करने के लिए राज्य सरकारों और उद्योगों के साथ सहयोग किया जाना है।

केंद्रीय बजट 2025-26 के करीब आने के साथ ही, देश के बुनियादी ढांचे की रीढ़ भारतीय रेलवे अपने बजटीय आवंटन में उल्लेखनीय वृद्धि की उम्मीद कर रहा है। भारतीय रेलवे के पूर्व महाप्रबंधक देबी प्रसाद दाश ने रेल नेटवर्क के भविष्य को आकार देने के लिए 3.5 लाख करोड़ रुपये के आवंटन की मांग की है, जो चालू वित्त वर्ष के बजट की तुलना में 20% से अधिक की वृद्धि दर्शाता है। उन्होंने उन हाई-स्पीड रेल परियोजनाओं पर बल देने की मांग की है, जिनका उद्देश्य कनेक्टिविटी को बढ़ाना और यात्रा के समय को काफी कम करना है। इसके अलावा सुरक्षा उपायों को बढ़ाने के लिए इस वित्तीय वर्ष में अतिरिक्त 5,000 किलोमीटर रेलवे ट्रैक पर काम, सिग्नलिंग अपग्रेड पर ध्यान केंद्रित करते हुए बैकलॉग को साफ करना, संपत्ति की विश्वसनीयता में सुधार करना और महत्वाकांक्षी सुरक्षा लक्ष्य निर्धारित करना शामिल है। इसके अलावा संवेदनशील क्षेत्रों में तेज रिपोर्टिंग और बेहतर सुरक्षा को सक्षम करने के लिए ड्रोन के साथ गश्त के प्रयासों को बढ़ाया जाएगा।
बुनियादी ढांचे का विकास-
पिछले साल 2.62 लाख करोड़ रुपये रहा था बजट-
केंद्रीय बजट 2024-25 में, भारतीय रेलवे को 2.62 लाख करोड़ रुपये का बजटीय आवंटन प्राप्त हुआ था, जो वित्त वर्ष 23-24 में 2.40 लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत परिव्यय से उल्लेखनीय वृद्धि दर्शाता है। राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर ने पहले ही वित्त वर्ष 24-25 के लिए अपने आवंटित बजट का 70% से अधिक उपयोग कर लिया है, जिससे विभिन्न बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में तेजी आई है। इनमें स्टेशन पुनर्विकास, रोड अंडर ब्रिज (RUB) और रोड ओवर ब्रिज (ROB) का निर्माण, रेलवे लाइन विस्तार, गेज परिवर्तन और नई ट्रेनों की शुरूआत शामिल हैं।
प्रमुख उपलब्धिया-
रेल मंत्रालय ने पिछले साल उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं, जिसमें उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेल लिंक (USBRL) परियोजना का पूरा होना और हाई-स्पीड रेल (HSR) खंड में महत्वपूर्ण प्रगति शामिल है। मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए 50 किलोमीटर लंबे प्राथमिकता वाले गलियारे का विद्युतीकरण भी लगातार आगे बढ़ा है। इसके अलावा, रेलवे ने अपने ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन (एटीपी) सिस्टम के नवीनतम अपग्रेड कवच 4.0 को भी लॉन्च किया है और लोकोमोटिव और यात्री डिब्बों में उल्लेखनीय उत्पादन हासिल किया है।


