'रुद्राक्ष पहनता हूं, अपराधी कैसे हो सकता हूं...?' कोलकाता डॉक्टर बलात्कार-हत्या मामले में संजय रॉय दोषी करार
कोलकाता में एक डॉक्टर की दर्दनाक हत्या और बलात्कार के मामले में दोषी संजय रॉय ने अदालत में खुद को निर्दोष साबित करने के लिए रुद्राक्ष माला का हवाला दिया, लेकिन अदालत ने इसे खारिज कर दिया. इस चौंकाने वाले दावे और मामले की गहराई को जानने के लिए पूरी खबर पढ़ें. सोमवार को सजा का ऐलान होगा, जो इस केस का अंतिम अध्याय लिखेगा.

Kolkata Rape Murder Case: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में पोस्टग्रेजुएट डॉक्टर की दर्दनाक मौत ने पूरे देश को झकझोर दिया. सियालदाह कोर्ट ने इस मामले में शनिवार को संजय रॉय को बलात्कार और हत्या का दोषी करार दिया. दोषी ने अदालती कार्यवाही के दौरान एक अजीबो-गरीब दावा किया, “मैं रुद्राक्ष की माला पहनता हूं, अगर मैंने अपराध किया होता, तो यह माला टूट जाती.” हालांकि, अदालत ने इसे कोई तवज्जो नहीं दी.
क्या है पूरा मामला?
9 अगस्त, 2024 को आरजी कर अस्पताल के सेमिनार रूम में एक पोस्टग्रेजुएट डॉक्टर का शव मिला था. जांच के दौरान यह सामने आया कि पीड़िता का पहले यौन शोषण किया गया और फिर गला घोंटकर हत्या कर दी गई. अगले ही दिन 10 अगस्त को कोलकाता पुलिस के नागरिक स्वयंसेवक संजय रॉय को गिरफ्तार कर लिया गया.
सीबीआई ने संभाली जांच
पहले मामले की जांच कोलकाता पुलिस ने की थी, लेकिन बाद में इसे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया गया. सीबीआई ने रॉय को इस मामले में मुख्य और एकमात्र आरोपी बताया. अदालत ने भी माना कि सीबीआई ने आरोपी के खिलाफ सभी आरोप साबित कर दिए हैं.
50 गवाह, 2 महीने की सुनवाई
यह हाई-प्रोफाइल मामला बंद कमरे में सुना गया. 12 नवंबर, 2024 को मुकदमे की शुरुआत हुई और 9 जनवरी, 2025 को समाप्त हुआ. सुनवाई के दौरान 50 गवाहों से पूछताछ की गई. सियालदाह कोर्ट के अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश अनिरबन दास ने संजय रॉय को भारतीय दंड संहिता की धारा 64 (बलात्कार) और धारा 66 व 103 (1) (हत्या) के तहत दोषी ठहराया. इन धाराओं के तहत मृत्युदंड या आजीवन कारावास का प्रावधान है.
सोमवार को सुनाई जाएगी सजा
जज ने फैसला सुनाते हुए कहा, “संजय रॉय ने डॉक्टर का यौन शोषण किया और फिर गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी.” सजा का ऐलान सोमवार दोपहर 12:30 बजे होगा, जब दोषी का बयान सुना जाएगा. सीबीआई ने इस मामले में संजय रॉय के लिए मौत की सजा की मांग की है.
पीड़िता के माता-पिता बोले, 'हमारा भरोसा कायम रहा'
फैसले के बाद पीड़िता के माता-पिता ने राहत की सांस ली. उन्होंने कहा, “अदालत ने हमारे भरोसे का सम्मान किया है. हमारी बेटी को तो वापस नहीं लाया जा सकता, लेकिन हमें न्याय मिला है.”
देशभर में विरोध और राजनीति
इस जघन्य अपराध ने पूरे देश में आक्रोश फैलाया. कोलकाता में जूनियर डॉक्टरों ने सरकारी अस्पतालों में सुरक्षा बढ़ाने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. नागरिक समाज संगठनों ने 'रिक्लेम द नाइट' जैसे अभियान चलाकर पीड़िता को श्रद्धांजलि दी. इन रैलियों में पीड़िता को 'अभया' और 'तिलोत्तमा' के रूप में याद किया गया.
घटना ने राजनीतिक रंग भी ले लिया. विपक्षी दल भाजपा और माकपा ने ममता बनर्जी सरकार की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाए. राज्य सरकार पर सुरक्षा में लापरवाही का आरोप लगाया गया.
दोषी का दावा: 'मैं निर्दोष हूं'
अदालत में संजय रॉय ने अपने बचाव में कहा, “मैं रुद्राक्ष पहनता हूं. अगर मैंने कोई पाप किया होता, तो माला टूट जाती.” लेकिन इस बयान को अदालत ने नकार दिया और दोषी को भारी सुरक्षा के बीच प्रेसीडेंसी सुधार गृह भेज दिया.
क्या कहता है कानून?
धारा 103 (1) के तहत संजय रॉय को मृत्युदंड या आजीवन कारावास की सजा हो सकती है. सोमवार को सजा का ऐलान होते ही इस दिल दहला देने वाले मामले का अंतिम अध्याय लिखा जाएगा.


