नए 'चीनी गुरु'... संसद में राहुल गांधी को लेकर ये क्या बोल गए एस.जयशंकर?
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने राहुल गांधी को 'चीन गुरु' बताते हुए डोकलाम संकट के दौरान चीनी राजदूत से मुलाकात पर सवाल उठाए और कांग्रेस पर चीन से गुप्त समझौते का आरोप लगाया.

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर तीखा हमला बोला. उन्होंने राहुल गांधी को ‘नया चीन गुरु’ करार देते हुए आरोप लगाया कि डोकलाम संकट जैसे संवेदनशील मौके पर भी उन्होंने भारत सरकार की बजाय चीनी राजदूत से निजी ब्रीफिंग लेना ज्यादा जरूरी समझा.
गौरतलब है कि जयशंकर ने इससे पहले भी कांग्रेस पर चीन के साथ गुप्त समझौते करने और राष्ट्रीय हितों से समझौता करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कांग्रेस के ऐतिहासिक रवैये को भारत की सामरिक कमजोरी का कारण बताया और कहा कि पार्टी लगातार चीन के बढ़ते प्रभाव के सामने विफल रही है.
डोकलाम विवाद पर राहुल की भूमिका
एस. जयशंकर ने 2017 के डोकलाम गतिरोध की याद दिलाते हुए कहा कि डोकलाम संकट के दौरान विपक्ष के नेता ने भारत सरकार या विदेश मंत्रालय से नहीं, बल्कि चीनी राजदूत से ब्रीफिंग ली, जबकि हमारी सेना चीनी सेना से आमने-सामने खड़ी थी. उन्होंने इसे राष्ट्रीय एकजुटता की घड़ी में एक गैर-जिम्मेदाराना और चिंताजनक कदम बताया.
4 minutes of absolute masterclass by S. Jaishankar ji… Kya dhoya hai China lovers ko 😂😂🔥🔥 pic.twitter.com/k7REzt6n5F
— BALA (@erbmjha) July 30, 2025
कांग्रेस और चीन के 'गुप्त समझौते' का आरोप
विदेश मंत्री ने हाल ही में एक और बयान में कहा था कि कांग्रेस का चीन से ‘गुप्त समझौते’ का इतिहास रहा है. कांग्रेस ने हमेशा भारत की संप्रभुता से समझौता किया है, चाहे वो 1962 की हार हो या चीन के साथ किया गया समझौता, पार्टी का रिकॉर्ड देशहित के विरुद्ध रहा है. जयशंकर ने कहा कि ऐसे समझौते भारत की रणनीतिक स्थिति को कमजोर करते रहे हैं.
ट्रंप के बयान पर राहुल की प्रतिक्रिया
दूसरी ओर, राहुल गांधी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हालिया बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनका बयान भारत-पाकिस्तान संघर्ष विराम से ज्यादा अमेरिका के व्यापारिक हितों से प्रेरित है. वह ऐसा क्यों कह रहे हैं? राहुल ने सवाल किया और खुद ही जवाब दिया- क्योंकि उन्हें व्यापार समझौता चाहिए. इसलिए वे दबाव बनाएंगे. देखिएगा, यह व्यापारिक सौदा कैसे सामने आता है. उन्होंने ट्रंप के बयान को रणनीतिक चाल बताया, जिससे भारत को व्यापार वार्ता में झुकने के लिए मजबूर किया जा सके.


