'अगर पार्टी को मेरी जरूरत नहीं, तो... शशि थरूर की नाराजगी से कांग्रेस पार्टी छोड़ने की अटकलें हुई तेज
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर इन दिनों अपनी ही पार्टी से नाराज चल रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस को उनकी जरूरत नहीं है, तो उनके पास और भी विकल्प हैं. थरूर की मुख्यमंत्री बनने की इच्छा और पार्टी नेतृत्व से बढ़ती दूरी ने सियासी हलचल तेज कर दी है. कांग्रेस के कई नेता उनके बयानों से नाराज हैं, लेकिन सवाल ये है – क्या थरूर सच में पार्टी छोड़ने वाले हैं या यह सिर्फ दबाव बनाने की राजनीति है? जानिए इस पूरे विवाद की पूरी कहानी...

New Delhi: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर इन दिनों अपनी ही पार्टी से नाराज चल रहे हैं. उन्होंने हाल ही में बयान दिया कि अगर पार्टी को उनकी जरूरत नहीं है, तो उनके पास विकल्प खुले हैं. उनके इस बयान के बाद कांग्रेस के अंदर खलबली मच गई है और अटकलें लगाई जा रही हैं कि क्या थरूर पार्टी छोड़ सकते हैं? या फिर यह सिर्फ दबाव बनाने की राजनीति है?
सीएम बनने की चाहत से नाराज कांग्रेस?
शशि थरूर चार बार सांसद रह चुके हैं और राष्ट्रीय राजनीति में एक बड़ा नाम हैं. हाल ही में उन्होंने केरल कांग्रेस में नेतृत्व के अभाव को लेकर सार्वजनिक रूप से सवाल उठाए थे. इसके बाद उन्होंने पार्टी आलाकमान से मुलाकात की, जिससे यह चर्चा तेज हो गई कि वह पार्टी छोड़ सकते हैं.
थरूर ने खुलकर कहा कि अगर कांग्रेस केरल में अगला विधानसभा चुनाव जीतती है, तो वह मुख्यमंत्री पद की दौड़ में जरूर रहेंगे. उन्होंने यह भी दावा किया कि विभिन्न सर्वेक्षणों में उन्हें केरल में सबसे लोकप्रिय कांग्रेस नेता बताया गया है. लेकिन उनका यह बयान कांग्रेस के कई नेताओं को पसंद नहीं आया और पार्टी के भीतर इस पर तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली.
थरूर को लेकर कांग्रेस नेताओं की प्रतिक्रिया
केरल कांग्रेस अध्यक्ष के सुधाकरण ने कहा कि थरूर को मीडिया में इस तरह की बातें नहीं करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि... 'थरूर के पास अपनी गलतियों को सुधारने का समय है. मीडिया में इस तरह के बयान देना सही तरीका नहीं है. पार्टी के सभी नेताओं को अपनी सीमाओं में रहना चाहिए.' कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य रमेश चेन्निथला ने भी कहा कि पार्टी ने हमेशा थरूर को अहम भूमिकाएं दी हैं. उन्होंने याद दिलाया कि थरूर चार बार सांसद बने, केंद्रीय मंत्री पद पर रहे और पार्टी की शीर्ष संस्थाओं में शामिल किए गए.
क्या कांग्रेस से थरूर का मोहभंग हो रहा है?
थरूर के हालिया बयानों से ऐसा लग रहा है कि वह कांग्रेस में खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं. उनका कहना है कि उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर अहम जिम्मेदारी दी जानी चाहिए. कुछ वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि थरूर को युवा वोटरों को आकर्षित करने की जिम्मेदारी सौंपी जानी चाहिए, जबकि केरल कांग्रेस के स्थानीय नेता संगठन को मजबूत करने पर ध्यान दें.
लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या थरूर सच में कांग्रेस छोड़ने का मन बना चुके हैं? या फिर वह सिर्फ अपनी भूमिका को और मजबूत करने के लिए पार्टी नेतृत्व पर दबाव बना रहे हैं? फिलहाल, कांग्रेस आलाकमान इस पूरे मामले पर चुप्पी साधे हुए है. आने वाले दिनों में देखना होगा कि पार्टी थरूर को मनाने के लिए क्या कदम उठाती है और थरूर खुद क्या फैसला लेते हैं.


