नेहरू का हवाला देते हुए थरूर ने कहा – अगर भारत ही नहीं बचेगा तो क्या बचेगा?
शशि थरूर ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे मुद्दों पर राजनीति से ऊपर उठकर देशहित को प्राथमिकता देनी चाहिए. उन्होंने स्पष्ट किया कि वे पार्टी के प्रति सम्मान रखते हैं, लेकिन भारत सर्वोपरि है और उसी के लिए वह अपने विचारों पर अड़े हैं.

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने हाल ही में पार्टी और उनके बीच मतभेद की खबरों पर स्पष्ट प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे मुद्दों पर किसी भी राजनीतिक दल से ऊपर देश की एकता और सुरक्षा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए. थरूर ने इस दौरान पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का उद्धरण भी दोहराया कि अगर भारत ही नहीं बचेगा, तो फिर कौन बचेगा?
देश की सुरक्षा सर्वोपरि
थरूर ने एक वीडियो पोस्ट करते हुए बताया कि कोच्चि में एक हाई स्कूल के छात्र ने उनसे एक गंभीर सवाल किया. इस सवाल पर थरूर ने कहा कि आमतौर पर वे सार्वजनिक रूप से पार्टी से जुड़े मतभेदों पर बात नहीं करते, लेकिन इस बार उन्होंने जवाब देना जरूरी समझा. उन्होंने कहा कि वे अपनी पार्टी और उसके मूल्यों का सम्मान करते हैं, परंतु जब बात देश की सुरक्षा की हो, तो सभी दलों को एकजुट होकर सरकार का समर्थन करना चाहिए.
थरूर ने यह भी स्वीकार किया कि उनके कुछ बयानों से पार्टी को लगता है कि वह उनकी नीतियों से भटक रहे हैं. उनके अनुसार, राष्ट्र सर्वोपरि है और राजनीतिक दल केवल एक माध्यम हैं भारत को बेहतर बनाने के लिए।. उन्होंने कहा कि चाहे कोई भी पार्टी हो, उसका अंतिम लक्ष्य एक मजबूत और सुरक्षित भारत होना चाहिए.
देशहित जैसे मुद्दों पर सभी को एकजुट होना चाहिए
अपने विचारों की आलोचना पर उन्होंने कहा कि उन्हें आलोचना झेलनी पड़ रही है क्योंकि उन्होंने सरकार और सेना का समर्थन किया, पर वे अपने रुख पर कायम रहेंगे. उनका मानना है कि भारत की सुरक्षा किसी पार्टी की नीतियों से कहीं बड़ी है. अंत में थरूर ने कहा कि संसद में भले ही कई राजनीतिक दल हों, लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा और देशहित जैसे मुद्दों पर सभी को एकजुट होना चाहिए, क्योंकि देश सबसे ऊपर है.


