संदेशखाली विवाद: मुख्य गवाह के बेटे की संदिग्ध मौत, कोर्ट में गवाही से पहले हुआ हादसा
संवेदनशील केस के मुख्य गवाह भोलानाथ घोष के छोटे बेटे और उनके ड्राइवर की बुधवार सुबह एक भीषण सड़क हादसे में मौत हो गई.

पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले स्थित संदेशखाली में हुई हिंसा से जुड़े मामले में एक बड़ा मोड़ सामने आया है. इस संवेदनशील केस के मुख्य गवाह भोलानाथ घोष के छोटे बेटे और उनके ड्राइवर की बुधवार सुबह एक भीषण सड़क हादसे में मौत हो गई.
तलतला इलाके की घटना
भोलानाथ घोष को उसी दिन शाहजहां शेख के खिलाफ चल रहे सीबीआई मामले में बसीरहाट जिला अदालत में गवाही के लिए पेश होना था, लेकिन उससे पहले ही रास्ते में यह घटना घट गई. हादसा कोलकाता-बसंती राजमार्ग पर नाजत थाना क्षेत्र के तलतला इलाके में सुबह करीब सात बजे हुआ.
पुलिस के अनुसार, घटनास्थल पर एक निजी कार और ट्रक की आमने-सामने टक्कर हो गई. टक्कर इतनी जोरदार थी कि कार के परखच्चे उड़ गए और उसमें सवार भोलानाथ के बेटे सत्यजीत घोष और कार चालक की मौके पर ही मौत हो गई. कार में मौजूद एक अन्य व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हुआ, जिसे मिनाखा ग्रामीण अस्पताल में भर्ती कराया गया है. हादसे के बाद राजमार्ग पर लंबा जाम लग गया. स्थानीय लोगों की सूचना पर नाजत पुलिस मौके पर पहुंची और यातायात को फिर से सुचारू करने के लिए प्रयास शुरू किए.
भोलानाथ घोष के परिवार में कोहराम
दुर्घटना की खबर मिलते ही गवाह भोलानाथ घोष के परिवार में कोहराम मच गया. उनके बड़े बेटे बिस्वजीत घोष ने इस घटना को सड़क हादसा नहीं, बल्कि सोची-समझी साजिश करार दिया है. बिस्वजीत ने सीधे-सीधे शाहजहां शेख और उनके सहयोगियों पर हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया है. उन्होंने दावा किया कि शाहजहां जेल में रहते हुए भी नजात पंचायत समिति की अध्यक्ष सबिता रॉय और मुस्लिम शेख के संपर्क में था. इन्हीं लोगों ने मिलकर यह हमला करवाया. हालांकि मुस्लिम शेख ने इन सभी आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए सिरे से खारिज कर दिया.
बिस्वजीत ने एक बड़ा खुलासा यह भी किया कि जिस ट्रक से टक्कर हुई, उसने कार को लगातार पीछा करते हुए तीन बार टक्कर मारी. उनके अनुसार, ट्रक चालक अलीम नाम का व्यक्ति पहले कार के बगल से दो बार टकराया और तीसरी बार इतनी जोर से टक्कर मारी कि कार नियंत्रण खोकर गड्ढे में जा गिरी. इसी वजह से सत्यजीत और ड्राइवर की मौके पर मौत हो गई.
गौरतलब है कि संदेशखाली पिछले कई महीनों से विवादों के केंद्र में रहा है. स्थानीय महिलाओं ने तृणमूल नेता शाहजहां शेख और उनके समर्थकों पर जमीन कब्जाने और जबरन यौन उत्पीड़न जैसे गंभीर आरोप लगाए थे. इसी मामले की जांच के दौरान ईडी अधिकारियों पर भीड़ ने हमला कर दिया था, जिसके बाद से क्षेत्र में तनाव बढ़ गया था.


