मोरक्को के फेज़ में दो इमारतें गिरने से 19 लोगों की मौत, 16 घायल
मोरक्को में दो जर्जर इमारतें अचानक ढह गईं, जिसमें कम से कम 19 लोगों की मौत हो गई, जबकि 16 से अधिक लोग घायल हुए हैं.

मोरक्को के ऐतिहासिक शहर फेज़ में बुधवार तड़के एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिसने पूरे इलाके को शोक में डूबा दिया. शहर के पुराने हिस्से में दो जर्जर इमारतें अचानक ढह गईं, जिसमें कम से कम 19 लोगों की मौत हो गई, जबकि 16 से अधिक लोग घायल हुए हैं. सरकारी समाचार एजेंसियों ने बताया कि दोनों इमारतें लंबे समय से खराब हालत में थीं और उनके रखरखाव पर ध्यान नहीं दिया गया था.
इमारतों में कितने परिवार रहते थे?
हादसा मंगलवार और बुधवार की दरमियानी रात को उस वक्त हुआ जब अधिकांश लोग अपने घरों में सो रहे थे. स्थानीय प्रशासन ने जानकारी दी कि गिरने वाली दोनों इमारतें चार मंजिला थीं और एक-दूसरे से सटी हुई स्थित थीं. इन इमारतों में आठ परिवार रहते थे, जिनमें बच्चों और बुजुर्गों की संख्या भी काफी थी. इमारतें अचानक इतनी जोर से ढही कि आसपास के लोग कुछ समझ पाते, उससे पहले ही पूरा ढांचा जमीन पर गिर चुका था. बचावकर्मियों और स्थानीय लोगों ने तुरंत मौके पर पहुंचकर दबे हुए लोगों को निकालने का प्रयास शुरू किया.
सरकारी मीडिया के अनुसार, हादसे में घायल सभी 16 लोगों को फेज़ स्थित विश्वविद्यालय अस्पताल केंद्र में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है. डॉक्टरों के मुताबिक, कुछ घायलों की हालत गंभीर बनी हुई है. इसलिए अस्पताल प्रशासन ने अतिरिक्त मेडिकल स्टाफ को भी अलर्ट पर रखा है. इस बीच, मलबे के नीचे और लोगों के फंसे होने की आशंका के कारण राहत और बचाव दल चौबीसों घंटे तलाशी अभियान चला रहे हैं.
पुरानी इमारतों के रखरखाव की कमी
यह घटना ऐसे समय सामने आई है जब मोरक्को के कई शहरों में खराब जीवन स्थितियों, पुरानी इमारतों के रखरखाव की कमी और सार्वजनिक सेवाओं की बदहाल स्थिति के खिलाफ लोगों का आक्रोश बढ़ रहा है. हाल ही में कई स्थानों पर प्रदर्शन भी हुए हैं, जिनमें सुरक्षा और बेहतर आवास सुविधाओं की मांग उठाई गई थी. फेज़ की इन इमारतों का ढहना इस बात का एक और उदाहरण है कि कई पुराने मोहल्लों में संरचनाएं बेहद जोखिमभरी हो चुकी हैं.
स्थानीय अधिकारियों ने हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं, ताकि यह पता लगाया जा सके कि इमारतों को समय रहते मजबूत या खाली क्यों नहीं कराया गया. नगर प्रशासन पर इस बात को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं कि उन्होंने वर्षों से कमजोर हो चुकी इन इमारतों की मरम्मत या निरीक्षण पर ध्यान क्यों नहीं दिया.
फिलहाल राहत दल मलबा हटाने और लापता लोगों की तलाश में जुटे हैं. मृतकों की पहचान की प्रक्रिया जारी है और प्रभावित परिवारों को अस्थाई आश्रय उपलब्ध कराया जा रहा है. सरकार ने इस दुखद घटनाक्रम पर गहरा शोक व्यक्त किया है और पीड़ितों के लिए सहायता की घोषणा करने की बात कही है.


