'हम अपने पिता को काटकर जला देंगे', दाह संस्कार को लेकर दो बेटों के बीच विवाद का अजीबोगरीब हल
Crime News: पिता की मौत के बाद उनका अंतिम संस्कार कौन करेगा? इससे दोनों बच्चों के बीच बहस शुरू हो गई. विवाद इतना बढ़ गया कि एक बेटे ने अपने पिता के दो टुकड़े करके उनका अंतिम संस्कार करने का अजीब उपाय निकाला.

Crime News: भारतीय संस्कृति में, यदि परिवार के बुजुर्गों का निधन हो जाता है, तो किसी भी बच्चे का पहला कर्तव्य है कि वह उनका सम्मानजनक अंतिम संस्कार करे. यहां तक कि यदि बच्चों के बीच कोई कटु विवाद हो भी जाए तो ऐसे दुख भरे क्षण में विवाद को सुलझाकर बड़ों की शवयात्रा निकाली जाती है. लेकिन एक अजीब घटना सामने आई है. आपके पिता की मृत्यु के बाद उनका अंतिम संस्कार कौन करेगा? इससे दोनों बच्चों के बीच बहस शुरू हो गई. विवाद इतना बढ़ गया कि एक बेटे ने अपने पिता के दो टुकड़े करके उनका अंतिम संस्कार करने का अजीब उपाय निकाला. ग्रामीणों की मध्यस्थता के बावजूद लड़का सुनने को तैयार नहीं हुआ और पुलिस को बुलाना पड़ा.
मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले के ताल लिधोरा गांव निवासी ध्यानी सिंह घोष का 85 वर्ष की आयु में निधन हो गया. पिता की मृत्यु के बाद छोटे बेटे दामोदर ने उनके अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू कर दी. ध्यानी सिंह की मौत की खबर सुनकर ग्रामीण और उनके रिश्तेदार शोकाकुल परिवार के घर पहुंच गए.
असली मुद्दा क्या है?
जब अंतिम संस्कार की तैयारियां चल रही थीं, ध्यानी सिंह के बड़े बेटे किशन सिंह घोष अपने बेटे और परिवार के सदस्यों के साथ वहां पहुंचे. उन्होंने अपने पिता का अंतिम संस्कार करने पर जोर दिया. लेकिन छोटे बेटे ने इनकार कर दिया. उसने अपने भाई से कहा कि उसने ही अपने पिता की बुढ़ापे में सेवा की थी, इसलिए वह ही उनका अंतिम संस्कार करेगा. परिवार के अन्य सदस्य भी इससे सहमत थे.
ध्यानी सिंह की तबीयत खराब
जब अंतिम दिनों में ध्यानी सिंह की तबीयत खराब हुई तो उनके बड़े बेटे किशन और उनके परिवार ने उनकी देखभाल नहीं की. उसने अपने पिता को भी अपने साथ नहीं रखा. ऐसे में गांव वालों और परिवार के अन्य सदस्यों ने सुझाव दिया कि छोटा बेटा दामोदर अपने पिता की सेवा करता है, इसलिए उसे अंतिम संस्कार का अधिकार दिया जाना चाहिए. इससे दोनों भाइयों के बीच बहस शुरू हो गई. इस विवाद के बाद पिता का शव कई घंटों तक घर के बाहर पड़ा रहा.
शव को दो टुकड़ों में काटकर अलग-अलग अंतिम संस्कार
मामला इतना बढ़ गया कि सबसे बड़े बेटे किशन ने मांग की कि उसके पिता के शव को दो टुकड़ों में काटकर अलग-अलग अंतिम संस्कार किया जाए. बड़े बेटे की यह अजीब मांग सुनकर गांव वाले भी हैरान रह गए. उन्होंने मध्यस्थता करने की कोशिश की. लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ. ग्रामीणों ने घटना की सूचना पुलिस को दी.
मामला पूरे जिले में चर्चा का विषय
पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर दोनों भाइयों से बातचीत की. ग्रामीणों और परिवार के सदस्यों के अनुरोध पर छोटे बेटे दामोदर का अंतिम संस्कार करने की अनुमति दे दी गई. पुलिस के हस्तक्षेप और परिवार के सदस्यों के अनुरोध पर छोटे लड़के का अंतिम संस्कार कर दिया गया. लेकिन बड़े बेटे द्वारा निकाले गए अजीब समाधान के कारण यह मामला फिलहाल पूरे जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है.


