समय रैना और अन्य कॉमेडियनों को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस, जानिए मामला
सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई पुलिस आयुक्त को यह निर्देश दिया है कि वे यह पक्का करें कि संबंधित कॉमेडियन अगली सुनवाई पर अदालत में हाज़िर हों. साथ ही कोर्ट ने चेतावनी दी है कि यदि वे अनुपस्थित रहते हैं, तो कड़ी कानूनी कार्रवाई की जा सकती है.

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कॉमेडियन समय रैना, विपुल गोयल और तीन अन्य के खिलाफ नोटिस जारी किया है. यह कार्रवाई क्योर एसएमए फाउंडेशन ऑफ इंडिया की ओर से दायर याचिका पर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया है कि इन कॉमेडियनों ने विकलांग व्यक्तियों का मज़ाक उड़ाने वाले कथन किए हैं.
पीठ की स्पष्ट चेतावनी
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने मुंबई पुलिस आयुक्त को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि संबंधित कॉमेडियन अगली सुनवाई पर अदालत में पेश हों. पीठ ने स्पष्ट चेतावनी दी कि अनुपस्थिति की स्थिति में सख्त कार्रवाई की जाएगी.
याचिका में समय रैना के यूट्यूब शो इंडियाज गॉट लेटेंट का जिक्र करते हुए बताया गया है कि इसमें नेत्रहीन व्यक्तियों और स्पाइनल मस्कुलर अट्रॉफी (एसएमए) से पीड़ित बच्चों का मजाक उड़ाया गया. कोर्ट ने ऐसी टिप्पणियों को "गंभीर रूप से आपत्तिजनक" बताते हुए कहा कि ये स्पष्ट रूप से कानून का उल्लंघन करती हैं.
समाज पर गंभीर नकारात्मक असर
सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल से भी इस संवेदनशील मुद्दे में सहायता देने का अनुरोध किया है. पीठ ने कहा कि इस तरह की "स्वतंत्रता" पर अंकुश आवश्यक है, क्योंकि इससे समाज पर गंभीर नकारात्मक असर पड़ता है. फाउंडेशन ने तर्क दिया कि सोशल मीडिया पर इस तरह की घटनाएं आम होती जा रही हैं, जहां विकलांग व्यक्तियों को तुच्छ समझा जाता है. उन्होंने यह भी कहा कि व्यंग्य के नाम पर विकलांगता का मजाक उड़ाना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के दायरे में नहीं आ सकता.
याचिका में मांग की गई है कि सरकार एक ऐसा नियामक ढांचा बनाए जिसमें विकलांग व्यक्तियों से संबंधित किसी भी तरह की अपमानजनक या असंवेदनशील सामग्री को नियंत्रित किया जा सके, चाहे वह सोशल मीडिया हो या अन्य डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म.


