सुषमा स्वराज के पति स्वराज कौशल का निधन, कानूनी जगत में शोक की लहर
सुषमा स्वराज के पति, जानी-मानी कानूनी हस्ती और वरिष्ठ अधिवक्ता स्वराज कौशल का 4 दिसंबर 2025 को 73 वर्ष की आयु में निधन हो गया.

पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के पति, जानी-मानी कानूनी हस्ती और वरिष्ठ अधिवक्ता स्वराज कौशल का 4 दिसंबर 2025 को 73 वर्ष की आयु में निधन हो गया. उनके निधन की पुष्टि दिल्ली भाजपा इकाई ने की. इस खबर के सामने आने के बाद राजनीतिक और कानूनी जगत में शोक की लहर दौड़ गई है.
देश के चुनिंदा वरिष्ठ अधिवक्ताओं में शामिल थे स्वराज कौशल
स्वराज कौशल भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज के पिता भी थे और उनकी पहचान भारतीय सार्वजनिक जीवन में एक सादगीपूर्ण, निष्पक्ष और दूरदर्शी नेता के रूप में रही. स्वराज कौशल देश के उन चुनिंदा वरिष्ठ अधिवक्ताओं में शामिल थे, जिन्होंने कानून के क्षेत्र में लंबा और प्रभावशाली योगदान दिया. सुप्रीम कोर्ट में उनकी दलीलें और कानूनी विशेषज्ञता अक्सर मिसाल के तौर पर पेश की जाती थीं. वे न केवल एक उत्कृष्ट वकील रहे, बल्कि उन्होंने अपनी राजनीतिक और प्रशासनिक जिम्मेदारियों को भी अत्यंत ईमानदारी से निभाया.
उन्हें मिजोरम का राज्यपाल नियुक्त किया गया था, जहां उनके कार्यकाल की सराहना आज भी की जाती है. प्रशासनिक निर्णयों में उनकी निर्भीकता, तेज सोच और दृढ़ नेतृत्व को खूब सराहा गया. जिस समय उन्होंने पदभार संभाला था, उस दौर में कई चुनौतियां थीं, लेकिन उन्होंने अपने शांत स्वभाव और कुशल प्रबंधन से राज्य में स्थिरता और विश्वास कायम किया.
क्या थी स्वराज कौशल की खासियत?
सार्वजनिक जीवन में स्वराज कौशल की सबसे बड़ी खासियत यह रही कि उन्होंने अपनी पहचान हमेशा कर्म के आधार पर बनाई. चाहे वे अदालत में हों, शासन-प्रशासन में या राजनीतिक संवाद में. उनकी सादगी, सत्यनिष्ठा और स्पष्टवादिता ने उन्हें सबका सम्मान दिलाया. वे हर पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत माने जाते थे और उनका जीवन संघर्ष और समर्पण की कहानी रहा है.
परिवार के लोगों और नज़दीकी सहयोगियों के अनुसार, स्वराज कौशल अपने अंतिम दिनों तक सक्रिय थे और देश के मुद्दों पर लगातार अपनी राय रखते रहते थे. सुषमा स्वराज के साथ उनकी जोड़ी भारतीय राजनीति में आदर्श मानी जाती थी. अब उनके निधन ने एक ऐसे युग का अंत कर दिया है, जिसने भारतीय लोकतंत्र को गरिमा, विनम्रता और नैतिकता का उदाहरण दिया.
उनके निधन पर अनेक नेताओं, न्यायविदों और सामाजिक संगठनों ने शोक व्यक्त किया. सभी ने एक स्वर में कहा कि स्वराज कौशल का योगदान आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा और सार्वजनिक जीवन में उनके द्वारा स्थापित मानदंड हमेशा याद किए जाएंगे.


