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पाकिस्तान में पहली बार ‘चीफ ऑफ डिफेंस’ की नियुक्ति, असीम मुनीर बने पाक के पहले CDF

पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर को देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस (सीडीएफ) नियुक्त कर दिया. यह पद हाल ही में पारित 27वें संवैधानिक संशोधन के बाद बनाया गया है, जिसके तहत संयुक्त चीफ्स ऑफ स्टाफ का पद समाप्त हो गया.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

नई दिल्ली : पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर को देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस (सीडीएफ) नियुक्त करने की औपचारिक मंजूरी दे दी है. यह पद पाँच वर्ष के कार्यकाल के लिए बनाया गया है और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ द्वारा भेजी गई सिफारिश पर राष्ट्रपति की मुहर लगने के बाद इसकी घोषणा की गई. प्रधानमंत्री द्वारा प्रस्तुत सारांश में स्पष्ट तौर पर कहा गया था कि मौजूदा सेना प्रमुख मुनीर ही इस नए शीर्ष पद के लिए सर्वोत्तम विकल्प हैं.

संविधान संशोधन के बाद बदला सैन्य ढांचा

आपको बता दें कि यह नियुक्ति उस समय हुई है जब पिछले महीने पारित 27वें संवैधानिक संशोधन ने देश की सैन्य संरचना में बड़ी बदलाव की नींव रखी. इस संशोधन के तहत ‘कमान की एकता’ और संकट के समय तेज निर्णय लेने की आवश्यकता को देखते हुए सीडीएफ का नया पद सृजित किया गया. इसके लागू होने के साथ ही चेयरमैन जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी (CJCSC) का पद समाप्त कर दिया गया, जिसे दशकों से पाकिस्तान की सैन्य व्यवस्था का अहम हिस्सा माना जाता था.

मुनीर को शुभकामनाएं, एयर चीफ का कार्यकाल भी बढ़ा
राष्ट्रपति कार्यालय के अनुसार, नियुक्ति पर हस्ताक्षर करने के बाद जरदारी ने फील्ड मार्शल मुनीर को शुभकामनाएँ दीं. इसी के साथ उन्होंने वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल जहीर अहमद बाबर सिद्धू के कार्यकाल में भी दो वर्ष का विस्तार स्वीकृत किया, जो मार्च 2026 से प्रभावी होगा. प्रधानमंत्री कार्यालय ने बताया कि सेना प्रमुख और सीडीएफ दोनों पदों पर मुनीर की नियुक्ति के प्रस्ताव को राष्ट्रपति को भेजने से पहले प्रधानमंत्री की स्वीकृति प्राप्त की गई थी.

2022 में पहली बार नियुक्त हुए थे COAS
फील्ड मार्शल मुनीर को पहली बार नवंबर 2022 में तीन वर्ष के कार्यकाल के लिए सेना प्रमुख (सीओएएस) नियुक्त किया गया था. बाद में 2024 में उनके कार्यकाल को बढ़ाकर पाँच वर्ष कर दिया गया. सीडीएफ पद की अधिसूचना जारी होने में देरी से कई अनुमान लगाए जा रहे थे, जिन्हें अब आधिकारिक घोषणा के बाद विराम मिल गया है. यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब पूर्व सीजेसीएससी जनरल साहिर शमशाद मिर्जा 27 नवंबर को सेवानिवृत्त हो चुके थे.

नियुक्ति में न तो कोई कानूनी रुकावट है और न...
नियुक्ति को लेकर उठ रहे सवालों पर पहले कानून मंत्री आजम नज़ीर तरार ने स्पष्ट किया था कि इस नियुक्ति में न तो कोई कानूनी रुकावट है और न राजनीतिक बाधा. उन्होंने कहा था कि रक्षा बलों के शीर्ष पद की अधिसूचना प्रक्रिया पूरी होते ही जल्द जारी की जाएगी, और राष्ट्रपति द्वारा अनुमोदन मिलते ही वह प्रक्रिया पूर्ण हो गई.

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05 December 2025, 07:41 AM IST

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