धर्म का अपमान किया तो सीधी जेल! तेलंगाना CM रेवंत रेड्डी ने किया बड़ा ऐलान
धार्मिक तनाव दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है. ऐसे में तेलंगाना सरकार ने एक सख्त कानून लाने का ऐलान किया है. रेड्डी सरकार ने दूसरे धर्मों का अपमान करने वालों के खिलाफ यह बात की है.

तेलंगाना: तेलंगाना में धार्मिक सद्भाव बनाए रखने के लिए बड़ा कदम उठाया जा रहा है. राज्य के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने दूसरे धर्मों का अपमान करने वालों के खिलाफ सख्त कानून लाने का ऐलान किया है. यह घोषणा हैदराबाद के एलबी स्टेडियम में आयोजित क्रिसमस समारोह के दौरान की गई.
क्रिसमस समारोह में बड़ा ऐलान
शनिवार (20 दिसंबर) को राज्य सरकार द्वारा आयोजित क्रिसमस उत्सव में मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने कहा कि उनकी सरकार विधानसभा में जल्द ही एक नया विधेयक पेश करेगी. इस कानून के तहत किसी भी धर्म का अपमान करने या घृणा फैलाने वाले भाषण देने वालों को कड़ी सजा दी जाएगी.
मौजूदा कानूनों में भी संशोधन किए जाएंगे ताकि ऐसे अपराधों पर सख्त कार्रवाई हो सके. सीएम ने जोर दिया कि अपना धर्म मानने की आजादी है, लेकिन दूसरे धर्मों का सम्मान करना जरूरी है.
अल्पसंख्यकों के लिए विशेष ध्यान
मुख्यमंत्री ने अल्पसंख्यक समुदायों को आश्वासन दिया कि सभी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उन्हें मिलना उनका हक है, न कि किसी की दया. ईसाई और मुस्लिम समुदायों के कब्रिस्तानों से जुड़े लंबित मामलों को जल्द सुलझाने का वादा भी किया गया.
उन्होंने कहा कि सरकार सभी धर्मों को बराबर का सम्मान देगी और धार्मिक नफरत को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. पड़ोसी राज्य कर्नाटक की तर्ज पर यह कानून बनाया जाएगा, जहां हाल ही में हेट स्पीच के खिलाफ विधेयक पारित हुआ है.
दिसंबर को बताया चमत्कार का महीना
क्रिसमस के अवसर पर सीएम रेवंत रेड्डी ने दिसंबर महीने को तेलंगाना और कांग्रेस पार्टी के लिए विशेष बताया. उन्होंने कहा कि इस महीने में सोनिया गांधी का जन्म हुआ और तेलंगाना को अलग राज्य का दर्जा मिला. राज्य 'तेलंगाना राइजिंग 2047' विजन के अनुसार विकास की राह पर आगे बढ़ेगा और देश में नंबर एक बनने का लक्ष्य रहेगा.
विपक्ष की आलोचना
सोनिया गांधी की तारीफ पर विपक्षी दल बीजेपी और बीआरएस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. बीजेपी ने इसे चापलूसी की हद पार करना बताया. फिर भी, सरकार का फोकस धार्मिक सौहार्द और समानता पर बना हुआ है. यह नया कानून तेलंगाना में सामाजिक शांति को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है.


