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घेराबंदी तोड़ भागे आतंकी, सुरक्षाबलों ने कसी कमर... पहलगाम हमले के बाद कई जिलों में तलाशी अभियान तेज, लश्कर के 4 सहयोगी गिरफ्तार

पहलगाम आतंकी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबल एक्शन में आ गए हैं. कई जिलों में सर्च ऑपरेशन चल रहा है और लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े 4 लोग पकड़े भी जा चुके हैं. पुंछ, अनंतनाग और ऊधमपुर जैसे इलाकों में मुठभेड़ जारी है. जानिए किस तरह सुरक्षा एजेंसियां आतंकियों को पकड़ने के लिए ज़मीन से लेकर जंगल तक छान मार रही हैं...

Aprajita
Edited By: Aprajita

Pahalgam Terror Attack: 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम इलाके में एक बड़ा आतंकी हमला हुआ, जिसमें निर्दोष लोगों की जान गई. इस घटना से पूरा देश ही नहीं अपितु विदेश भी हिल गया है. तभी से सुरक्षा एजेंसियां चौकन्ना हो गईं और आतंकियों के खिलाफ बड़े स्तर पर सर्च ऑपरेशन शुरू हो गया.

पहलगाम हमले के पीछे कौन?

जांच में सामने आया है कि इस हमले में शामिल पांच आतंकियों की पहचान हो चुकी है, जिनमें से तीन पाकिस्तानी और दो स्थानीय कश्मीरी हैं. ये सभी आतंकी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े बताए जा रहे हैं. इन आतंकियों की जानकारी देने वाले को 20 लाख रुपये इनाम देने का ऐलान किया गया है.

बांडीपोर से बड़ी गिरफ्तारी

इस पूरे ऑपरेशन के दौरान सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी मिली है. बांडीपोर जिले से लश्कर-ए-तैयबा के चार ओवर ग्राउंड वर्कर (OGW) गिरफ्तार किए गए हैं. इनके पास से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद हुआ है. ये सभी आतंकी नेटवर्क को सपोर्ट देने का काम करते थे.

कई जिलों में ऑपरेशन जारी

पुंछ: सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस के SOG ने पुंछ के लसाना जंगल क्षेत्र में तलाशी अभियान चलाया. आतंकियों को पकड़ने के लिए हर पहाड़ी और जंगल की खाक छानी जा रही है.

अनंतनाग (कोकरनाग): यहां टंगमर्ग गांव में आतंकियों की मौजूदगी की सूचना के बाद सर्च ऑपरेशन चलाया गया. रात के वक्त मुठभेड़ शुरू हुई जिसमें दोनों तरफ से करीब 20 मिनट तक गोलीबारी हुई.

ऊधमपुर: बसंतगढ़ इलाके में भी मुठभेड़ की खबर है. सुरक्षाबल यहां भी आतंकियों से आमने-सामने की लड़ाई में जुटे हैं.

सेना का अलर्ट मोड

फिलहाल घाटी के ज्यादातर हिस्सों में सेना हाई अलर्ट पर है. हर संदिग्ध गतिविधि पर नज़र रखी जा रही है. बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चल रहा है ताकि किसी भी आतंकवादी को भागने का मौका न मिले. पहलगाम जैसे हमले ना सिर्फ मासूम लोगों की जान लेते हैं, बल्कि देश की सुरक्षा पर सीधा हमला करते हैं. इसीलिए सेना और सुरक्षा एजेंसियों ने मिलकर जो मोर्चा खोला है, वो आतंक के नेटवर्क को जड़ से खत्म करने की कोशिश है.

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24 April 2025, 10:32 AM IST

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