जल्द शुरू होगी पहली वंदे भारत स्लीपर एक्सप्रेस, जानें रूट और संभावित किराया
देश की पहली वंदे भारत स्लीपर एक्सप्रेस की शुरुआत होने जा रही है. इसे विशेष रूप से लंबी दूरी और रातभर की यात्रा को आरामदायक बनाने के लिए तैयार किया गया है.

First Vande Bharat Sleeper Express: भारतीय रेलवे देश की पहली वंदे भारत स्लीपर एक्सप्रेस शुरू करने जा रहा है, जिसे विशेष रूप से लंबी दूरी और रातभर की यात्रा को आरामदायक बनाने के लिए तैयार किया गया है. यह हाई-टेक ट्रेन दिवाली 2025 से पहले पटना और दिल्ली के बीच दौड़ेगी और प्रयागराज के रास्ते दोनों शहरों को केवल 11.5 घंटे में जोड़ेगी. वर्तमान में इस मार्ग पर सफर 12 से 17 घंटे तक लेता है.
यात्रा समय और शेड्यूल
रिपोर्टों के मुताबिक, वंदे भारत स्लीपर रात 8 बजे पटना से रवाना होगी और अगले दिन सुबह 7:30 बजे दिल्ली पहुंचेगी. यानी त्योहारों और अन्य अवसरों पर यात्रियों को तेज़ और भरोसेमंद विकल्प मिलेगा. यह ट्रेन 180 किमी प्रति घंटे की शीर्ष गति से चलने में सक्षम होगी.
किराया और सुविधाएं
वंदे भारत स्लीपर एक्सप्रेस का किराया राजधानी एक्सप्रेस से लगभग 10–15% अधिक होने की संभावना है. इसमें सामान्य चेयर कार की जगह स्लीपर बर्थ होंगी ताकि यात्री रातभर आराम से सफर कर सकें. ट्रेन का इंटीरियर विमान-शैली के डिज़ाइन के साथ तैयार किया गया है, जिससे सफर प्रीमियम अनुभव देगा.
यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए आधुनिक फीचर्स
यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए कई आधुनिक फीचर्स शामिल किए गए हैं. जैसे सीसीटीवी कैमरे, मनोरंजन के लिए एलईडी स्क्रीन, सेंसर-युक्त स्वचालित दरवाजे, उन्नत अग्नि सुरक्षा प्रणाली और ऑडियो-वीडियो घोषणा प्रणाली. इस अत्याधुनिक ट्रेन का निर्माण भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (BEML) द्वारा उन्नत इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) तकनीक से किया गया है.
नई दिल्ली से पटना का मार्ग भारत के सबसे व्यस्त रेल कॉरिडोर
नई दिल्ली से पटना का मार्ग भारत के सबसे व्यस्त रेल कॉरिडोर में गिना जाता है. विशेष रूप से त्योहारों के समय इस रूट पर भारी भीड़ रहती है, जब हजारों यात्री बिहार और उत्तर प्रदेश से राजधानी तक आते-जाते हैं. वंदे भारत स्लीपर इस दबाव को कम करेगी और यात्रियों को एक तेज़, आरामदायक और आधुनिक विकल्प देगी.
सरकार का लक्ष्य
स्लीपर वर्ज़न की शुरुआत के साथ सरकार का मकसद है लंबी दूरी के मार्गों पर वंदे भारत की पहुंच बढ़ाना. इससे न केवल कनेक्टिविटी बेहतर होगी बल्कि यात्रियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी.


