भारत में शिशु मृत्यु दर में आई बड़ी गिरावट, जानें क्या है जन्मदर की स्थिति
भारत की शिशु मृत्यु दर 2023 में घटकर 25 रह गई है, मणिपुर ने देश में सबसे कम दर (3) दर्ज की. केरल दूसरे स्थान पर रहा. पिछले दशक में ग्रामीण-शहरी दोनों क्षेत्रों में सुधार हुआ है. जन्म और मृत्यु दर में भी ऐतिहासिक गिरावट दर्ज की गई है, जिसका श्रेय बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं और जागरूकता को जाता है.

Infant mortality rate India: भारत के महापंजीयक द्वारा जारी नए सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (SRS) रिपोर्ट के अनुसार, मणिपुर ने शिशु मृत्यु दर के मामले में पूरे देश को पीछे छोड़ते हुए पहला स्थान हासिल किया है. इस पूर्वोत्तर राज्य में प्रति 1,000 जीवित जन्मों पर केवल 3 शिशुओं की मृत्यु होती है, जो भारत में अब तक की सबसे कम दर है.
राष्ट्रीय स्तर पर शिशु मृत्यु दर में सुधार
रिपोर्ट के अनुसार, भारत की समग्र शिशु मृत्यु दर (IMR) 2023 में घटकर 25 प्रति 1,000 जीवित जन्म हो गई है. यह 2013 के मुकाबले 37.5% की गिरावट को दर्शाता है, जब यह दर 40 थी. यह बदलाव देश के स्वास्थ्य ढांचे में सुधार, टीकाकरण, और मातृ एवं नवजात देखभाल में हुई प्रगति का प्रमाण है.
केरल दूसरे स्थान पर
देश के दक्षिणी राज्य केरल ने भी स्वास्थ्य सेवाओं में अपनी मजबूती को बरकरार रखा है. केरल उन कुछ बड़े राज्यों में से है, जहां शिशु मृत्यु दर अब सिर्फ 5 रह गई है. यह उपलब्धि उस राज्य की सुदृढ़ प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा स्तर और सामाजिक जागरूकता को दर्शाती है.
ग्रामीण और शहरी भारत दोनों में सुधार
रिपोर्ट यह भी दर्शाती है कि पिछले एक दशक में ग्रामीण भारत में शिशु मृत्यु दर 44 से घटकर 28 हो गई है, जबकि शहरी क्षेत्रों में यह 27 से घटकर 18 रह गई है. यह क्रमशः 36% और 33% की गिरावट को दर्शाता है. इन आँकड़ों से स्पष्ट है कि सरकार की योजनाओं और जनस्वास्थ्य कार्यक्रमों ने दोनों क्षेत्रों में सकारात्मक असर डाला है.
जन्म दर में ऐतिहासिक गिरावट
जन्म दर पिछले पांच दशकों में लगातार घटी है. 1971 में यह 36.9 थी, जो 2023 में घटकर 18.4 हो गई है. इस गिरावट के साथ ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच का अंतर भी कम हुआ है.
ग्रामीण क्षेत्रों में जन्म दर 22.9 से घटकर 20.3, और शहरी क्षेत्रों में यह लगभग 14% रही है. हालिया आंकड़ों के अनुसार, बिहार में जन्म दर सबसे अधिक (25.8) रही जबकि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में यह सबसे कम (10.1) रही.
मृत्यु दर में भी बड़ी गिरावट
1971 में जहां देश की मृत्यु दर 14.9 थी, वहीं 2023 तक यह घटकर 6.4 पर आ गई है. यह सुधार स्वास्थ्य सेवाओं में पहुंच, अस्पताल सुविधाएं, पोषण और साफ-सफाई जैसे कई कारकों का परिणाम है.
शिशु मृत्यु दर में गिरावट के कारण
- गर्भवती महिलाओं की बीमारियों की समय पर पहचान और इलाज
- बेहतर प्रसव प्रबंधन और संस्थागत प्रसव
- नवजात शिशु की देखभाल और टीकाकरण कार्यक्रमों की सफलता
- महिलाओं में स्वास्थ्य और पोषण को लेकर बढ़ती जागरूकता


