‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर संसद में आज दूसरा दिन, इन दिग्गज नेताओं के बीच होगा बहस
संसद के मानसून सत्र में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर जारी बहस का दूसरा दिन सियासी गर्मी के नाम रहा. पहले दिन जहां तीखी बयानबाजी देखने को मिली, वहीं आज का दिन पूरी तरह से राजनीतिक टकराव और रणनीतिक वार-पलटवार से भरा हुआ नजर आया. सरकार और विपक्ष दोनों ही पक्षों ने अपने सबसे ताकतवर चेहरों को मैदान में उतार दिया है.

संसद के मानसून सत्र में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर बहस का दूसरा दिन राजनीतिक गलियारों में जबरदस्त हलचल का कारण बना हुआ है. पहले दिन जहां तीखे शब्दों के बाण चले, वहीं आज सरकार और विपक्ष के दिग्गज नेताओं की आमने-सामने की टक्कर देखने को मिलेगी.
सरकार की तरफ से जहां रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और गृहमंत्री अमित शाह मोर्चा संभालेंगे, वहीं विपक्ष राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, मल्लिकार्जुन खड़गे, पी. चिदंबरम और अखिलेश यादव जैसे सीनियर नेताओं को मैदान में उतार रहा है. माना जा रहा है कि आज का दिन बहस के लिहाज से सबसे अहम और गर्मागर्म रहने वाला है.
तीन मुद्दों पर केंद्रित होगा वार
सूत्रों के अनुसार, विपक्ष सरकार को तीन प्रमुख बिंदुओं पर घेरने की रणनीति बना चुका है खुफिया एजेंसियों की विफलता, ऑपरेशनल कमियां और विदेश नीति में चूक. इन सवालों को लेकर विपक्ष सरकार से सीधे जवाब मांगेगा.
लोकसभा में प्रियंका गांधी की एंट्री
लोकसभा में आज प्रियंका गांधी वाड्रा विपक्ष की ओर से पहली वक्ता होंगी. दोपहर 3 बजे समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव अपनी बात रखेंगे, जबकि राहुल गांधी के शाम 5 बजे तक बोलने की संभावना है.
राज्यसभा में खड़गे की अगुवाई
राज्यसभा में विपक्ष की ओर से कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे नेतृत्व करते नजर आएंगे. वह सरकार की नीतियों पर तीखे सवाल दाग सकते हैं, खासतौर पर जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा प्रबंधन और केंद्रीय योजनाओं की प्रभावशीलता पर.
अमित शाह दोपहर 12 बजे देंगे बड़ा बयान
गृह मंत्री अमित शाह आज दोपहर 12 बजे लोकसभा में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर सरकार का पक्ष रखेंगे. इसके साथ ही वह जम्मू-कश्मीर में संचालित ‘इंटीग्रेटेड सिक्योरिटी ग्रिड’ पर भी सदन को जानकारी देंगे.
कांग्रेस के भीतर उठे सवाल
इस अहम बहस के दौरान वरिष्ठ कांग्रेस नेता शशि थरूर और मनीष तिवारी को बोलने का मौका न दिए जाने पर सियासी बहस छिड़ गई है. बीजेपी ने इस पर तीखा हमला बोलते हुए कहा है कि “जो नेता देशहित में सच बोलते हैं, उन्हें कांग्रेस चुप करा देती है.”
कांग्रेस का कहना है कि वक्ताओं का चयन आंतरिक प्रक्रिया है और सभी को बोलने का मौका नहीं मिल सकता. लेकिन, पार्टी सूत्रों के अनुसार मनीष तिवारी ने बाकायदा ईमेल भेजकर अपनी इच्छा जताई थी और नेता प्रतिपक्ष के कार्यालय को भी इसकी जानकारी दी गई थी, फिर भी उनका नाम अंतिम सूची में नहीं जोड़ा गया.
सातवें दिन भी जारी रहा SIR पर प्रदर्शन
उधर, संसद परिसर में ‘इंडिया’ गठबंधन के सांसदों का SIR (Special Investigation and Response) मुद्दे पर विरोध सातवें दिन भी जारी रहा. वे मकर द्वार पर तख्तियों के साथ प्रदर्शन कर रहे हैं और सरकार से जवाब की मांग कर रहे हैं.


