UN महासचिव ने भारत-पाक से की बात, दिल्ली ने सराहा, इस्लामाबाद ने की शिकायत
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमले में 26 लोगों के मारे जाने के एक सप्ताह बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से बात की.

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले, जिसमें 26 लोगों की मौत और 17 घायल हुए थे, के एक सप्ताह बाद संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भारत और पाकिस्तान के शीर्ष नेताओं से बातचीत की. उन्होंने इस संबंध में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से अलग-अलग फोन पर चर्चा की.
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बताया कि गुटेरेस ने इस हमले की स्पष्ट निंदा की और जवाबदेही सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर सहमति जताई. जयशंकर ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “संयुक्त राष्ट्र महासचिव से फोन पर बात हुई. पहलगाम हमले की उनकी साफ निंदा की सराहना करता हूं. हम दोनों ने यह भी माना कि हमले के जिम्मेदार लोगों को न्याय के कठघरे में लाना बेहद जरूरी है. भारत प्रतिबद्ध है कि हम साजिशकर्ताओं, योजनाकारों और उनके समर्थकों को सजा दिलाकर रहेंगे.”
UN से भारत को समर्थन
दूसरी ओर, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने गुटेरेस के साथ बातचीत में कश्मीर मुद्दा उठाया और हमले की पारदर्शी और निष्पक्ष जांच की मांग की. शरीफ ने भी एक्स पर जानकारी साझा करते हुए कहा, “आज शाम संयुक्त राष्ट्र महासचिव से फोन पर बात हुई. पाकिस्तान ने आतंकवाद के सभी रूपों की निंदा की है. भारत के निराधार आरोपों को खारिज किया और पहलगाम घटना की निष्पक्ष जांच की मांग की. साथ ही संयुक्त राष्ट्र से आग्रह किया कि वह कश्मीर विवाद को सुलझाने में सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के अनुसार भूमिका निभाए.”
UN प्रमुख की पहलगाम हमले पर प्रतिक्रिया
गौरतलब है कि इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली थी. हालांकि कुछ दिनों बाद इस समूह ने अपना दावा वापस ले लिया, जिससे इस घटना पर और भी सवाल खड़े हो गए हैं. इस हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी थी और कहा था कि “इस जघन्य कृत्य के पीछे जो भी लोग हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा और न्याय दिलाया जाएगा.”
भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कूटनीतिक कदम उठाए:
- सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया गया है,
- अटारी-वाघा बॉर्डर बंद कर दिया गया है,
- पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए गए हैं और
- उन्हें 29 अप्रैल तक भारत छोड़ने का आदेश दे दिया गया है.
इस घटनाक्रम से भारत-पाक संबंधों में कूटनीतिक तनाव और गहराता दिख रहा है, और अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इस मुद्दे को लेकर गतिविधियां तेज हो गई हैं.


